Mango Farming: इन दिनों आम के पेड़ों पर मंजर दिखाई दे रहे हैं, लेकिन बदलते मौसम और गर्मी की वजह से मंजर को नुकसान होने की संभावना बनी रहती है। इस बीच बक्सर के वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज के कृषि वैज्ञानिक डॉ. पवन शुक्ला ने किसानों को अहम सलाह दी है।वसंत ऋतु में आम के पेड़ों पर मंजर आ जाते हैं। इस बार अधिकतर बगीचों में आम के पेड़ मंजर से लद गए हैं। वहीं, मंजर को देखकर आम की अच्छी उपज होने की उम्मीद से किसान खुश हैं, लेकिन वायुमंडल में गर्माहट आने और मौसम के बदलने से आम के मंजर के नुकसान होने की संभावना भी जताई जा रही है।
आम की खेती: दरअसल दिन में गर्मी एवं रात में ठंडे मौसम के कारण आम के मंजर के झड़ने की संभावना बढ़ गई है। इसको लेकर वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज के कृषि वैज्ञानिक डॉ. पवन शुक्ला ने किसानों को अहम सलाह दी है। उन्होंने बताया कि किसान भाई मंजर निकलने पर दवा का छिड़काव करने लगते हैं, जिससे नुकसान होता है। किसी भी दवा का छिड़काव मंजर पर नहीं करना चाहिए। इससे अधिकांश मंजर झड़ जाता है।
Mango Farming: कृषि वैज्ञानिक डॉ. पवन शुक्ला ने बताया कि आम के पेड़ पर मंजर में दाना बनने के बाद ही छिड़काव किया जा सकता है। फिलहाल किसानों के लिए तापमान में अधिक बढ़ोतरी मुश्किलें खड़ी कर सकती है। इस चुनौती से निपटने का एक ही तरीका है कि आम के पेड़ में भरपूर पानी दें। इससे न सिर्फ पेड़ को बचाया जा सकेगा बल्कि बढ़ते तापमान का भी प्रभाव कम होगा। गर्म मौसम के दौरान बाग में नमी बनाए रखना जरूरी है।
मटर आकार का दाना बन जाने पर प्लानोफिक्स का करें छिड़काव
कृषि वैज्ञानिक डॉ. पवन शुक्ला ने बताया कि जब मंजर में सरसों के आकार का दाना बनने लग जाए तो कीटनाशक एवं फफूंदी नाशक दवा से स्प्रे किया जा सकता है। साथ ही जब मटर आकार का दाना पेड़ पर दिखाई देने लगो तो प्लानोफिक्स 6 एमएल प्रति दस लीटर पानी में मिलाकर 15 दिनों के अंतराल पर छिड़काव किया जा सकता है। इससे अनावश्यक टिकोले नहीं गिरेंगे। इसके अलावा समय-समय पर आम के पेड़ की सिंचाई भी करते रहना चाहिए।इससे भी फलों का गिरना रुक जाता है।

