Kisan News:मालाबार नीम की खेती से 6 साल में बना देगी करोड़पति, देखिए कैसे करें इसकी खेती

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मालाबार नीम की खेती करने का तरीका

Kisan News: धीरे–धीरे भारत के किसान आगे बड़ रहे ही और अलग अलग प्रकार की खेती कर रहे है। हम मालाबार नीम की बात करे तो आज कल यह भी बहुत प्रसिद्ध हो रही हैं। मालाबार नीम को मेलिया डबिया भी कहा जाता हूं। मेलियासी वनस्पति परिवार से उत्पन्न, मालाबार नीम यूकेलिप्टस की तरह तेजी से बढ़ता है. यह रोपण के 2 साल के अंदर 40 फुट तक लम्बा हो जाता है। भारत में मुख्य रूप कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल के किसान यह खेती कर रहे है।

Kisan News:मालाबार नीम की खेती से 6 साल में बना देगी करोड़पति, देखिए कैसे करें इसकी खेती

मिट्टी: यह खेती वैसे तो हर प्रकार की मिट्टी पर कर सकते है। लेकिन अधिक उत्पादन के लिए जैविक तत्वों से भरपूर उपजाऊ रेतीली दोमट मिट्टी मालाबार नीम की खेती के लिए सबसे अच्छी होती है. जबकि बजरी मिश्रित उथली मिट्टी में इसकी वृद्धि खराब विकास दर को दर्शाती है. इसी तरह, लैटराइट लाल मिट्टी भी मालाबार नीम की खेती के लिए बहुत अच्छी है।बीज से खेती कर रहे हैं तो मार्च-अप्रैल के दौरान बीज बोना सबसे अच्छा रहता है।

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मालाबार नीम की खेती: मालाबार नीम के पौधे की खासियत है कि इसमें ज्यादा खाद व पानी देने की आवश्यकता नहीं होती है। पांच साल में ही यह इमारती लकड़ी देने लायक हो जाते हैं। इसे खेत की मेड़ पर भी लगा सकते हैं। इसका पौधा एक साल में 08 फीट की ऊंचाई तक बढ़ता है। इसके पौधों में दीमक नहीं लगने सेप्लाईवुड इंडस्ट्रीज में इसकी सर्वाधिक मांग है।
मालाबार नीम के 4 एकड़ में 5 हजार पेड़ लगा सकते हैं, जिसमें से 2 हजार पेड़ खेत के बाहर वाली मेड़ पर और 3 हजार पेड़ खेत के अंदर मेड़ पर लगा सकते हैं। पेड़ों की लकड़ी को 5 से 6 वर्ष के बाद बेच सकते हैं।आप इसकी खेती कर 4 एकड़ में करके आसानी से 50 लाख रुपये तक कमा सकते हैं।

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Kisan News: एक पेड़ का वजन डेढ़ से दो टन होता है। मार्केट में कम से कम यह 500 रुपये क्विटंल बिकता है। ऐसे में 6000 से 8000 का भी एक पौधा बिकता है तो किसान आराम से लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं।मालाबार नीम की लकड़ी का उपयोग: इस लकड़ी का उपयोग पैकिंग के लिए, छत के तख्तों, भवन निर्माण , कृषि उपकरणों, पेंसिल, माचिस की डिबिया, संगीत वाद्ययंत्र, चाय की पेटियों व हर तरह के फर्नीचर बनाने में होता है. इससे तैयार फर्नीचर में कभी भी दीमक नहीं लगते हैं। लिहाजा, इसकी लकड़ी से जीवनभर के लिए टेबल-कुर्सी, आलमीरा, चौकी, पलंग, सोफा व अन्य सामान बनवाए जा सकते हैं. और भी कई सारे कारखानों में इसका बहुत उपयोग होता है।

आज के इंदौर मंडी भाव ( Indore Mandi Bhav Today )


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।
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