मक्का की उन्नत 5 किस्मों के बारे में जानिए : इन उन्नत किस्मों से पाए बंपर पैदावार

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मक्का की उन्नत किस्मों से संबंधित जानकारी

मानसून की बारिश के साथी खरीफ फसलों की बुवाई का कार्य प्रारंभ हो जाता है। खरीफ के मौसम में कई किसान भाई मक्का की खेती करके अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। किंतु उसके लिए किसान भाई को मक्का की उन्नत किस्मों की जानकारी होना जरूरी है जिससे वह उन्नत किस्मों की खेती कर अच्छा लाभ प्राप्त कर सकें। मक्का की ऐसी बहुत सी उन्नत किस्में है जिससे अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है और कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। आइए जानिए उन किस्मों के बारे में जो कम लागत में अच्छी उपज दे सकती है। मक्का की उन्नत 5 किस्में इस प्रकार हैं –

पार्वती किस्म

मक्का की पार्वती किस्म के पौधे की ऊंचाई मध्यम होती है। इस किस्म में पौधे में 2 भुट्टे लगते हैं और भुट्टे पौधे के मध्य में थोड़ा ऊपर की ओर लगते हैं। मक्का की पार्वती किस्म के दाने कठोर और रंग नारंग पीला होता है। मक्के की इस किस्म से उत्पादन लगभग प्रति एकड़ 14 क्विंटल प्राप्त होता है। मक्के की पार्वती किस्म की पकने की अवधि लगभग 110 से 115 दिन है।

गंगा-5 किस्म

मक्का की गंगा-5 किस्म अधिक उगाई जाने वाली किस्म है। मक्का की गंगा-5 किस्म दाने का रंग पीला होता है। मक्के की इस किस्म से उत्पादन लगभग प्रति एकड़ 50 से 60 क्विंटल प्राप्त होता है। मक्के की गंगा-5 किस्म की पकने की अवधि लगभग 90 से 100 दिन है।

शक्ति-1 किस्म

मक्का की शक्ति-1 किस्म जल्दी पकने वाली किस्मों में आती है। मक्का की शक्ति-1 किस्म को पूरे भारत में उगाया जाता है। यह मध्यम समय में पकने वाली किस्म है। मक्का की शक्ति-1 किस्म का रंग नारंग सफेद होता है। मक्के की इस किस्म से उत्पादन लगभग प्रति एकड़ 50 क्विंटल प्राप्त होता है। मक्का की शक्ति-1 किस्म की पकने की अवधि लगभग 90 से 95 दिन है।

प्रकाश (JH-3189) किस्म

मक्का की प्रकाश (JH-3189) किस्म संकर किस्मों के अंतर्गत आने वाली किस्म हैं। मक्का की प्रकाश (JH-3189) किस्म भी जल्दी पकने वाली किस्मों में आती है। मक्का की प्रकाश (JH-3189) किस्म को भी पूरे भारत में उगाया जाता है। मक्का की प्रकाश (JH-3189) किस्म सिंचित व असिंचित दोनों क्षेत्रों में उगाई जा सकती है। मक्के की इस किस्म से उत्पादन लगभग प्रति एकड़ 25 से 30 क्विंटल तक प्राप्त होता है। मक्का की प्रकाश (JH-3189) किस्म की पकने की अवधि लगभग 80 से 85 दिन है।

X-1174(WV) किस्म

मक्का की X-1174(WV) किस्म को पूरे भारत में उगाया जाता है। यह मध्यम समय में पकने वाली किस्म है। मक्का की X-1174(WV) किस्म सिंचित क्षेत्रों में उगाई जा सकती है। मक्का की X-1174(WV) किस्म का रंग पीला नारंगी होता है। मक्के की इस किस्म से उत्पादन लगभग प्रति एकड़ 25 से 35 क्विंटल प्राप्त होता है। मक्का की X-1174(WV) किस्म की पकने की अवधि लगभग 80 से 85 दिन है।

मक्का की बुवाई कैसे की जाए??

बुवाई का तरीका भी जानना जरूरी है। यदि सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था होने पर मक्के की बुवाई 10 से 15 दिन पहले भी की जा सकती है और यदि सिंचाई साधन उपलब्ध ना हो तब बारिश प्रारंभ होने पर मक्के की बुवाई करें। पहले बुवाई करने पर उत्पादन में वृद्धि होती है। बीजों को मेड के किनारे बोना चाहिए और बुवाई 3 से 5 सेंटीमीटर की गहराई पर की जानी चाहिए। जब बुवाई हो जाती है उसके 1 माह पश्चात उस पर मिट्टी चढ़ाने का कार्य किया जाता है। बुवाई करते समय खेत में पौधों की संख्या लगभग प्रति हेक्टेयर 55 से 80 हजार के मुताबिक रखें। मक्के की बुवाई के समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि पंक्ति और पौधों की दूरी मक्का की किस्म पर निर्भर होगी जैसे –

मक्का की हरे चारे हेतु फसल के लिए – कतारों की आपसी दूरी 40 सेंटीमीटर, पौधों की आपसी दूरी 25 सेंटीमीटर।
मक्का की शीघ्र पकने वाली किस्मों के लिए – कतारों की आपसी दूरी 60 सेंटीमीटर, पौधों की आपसी दूरी 20 सेंटीमीटर।
मक्का की मध्यम या देर से पकने वाली किस्मों के लिए – कतारों की आपसी दूरी 75 सेंटीमीटर पौधों की आपसी दूरी 25 सेंटीमीटर।

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