Kisan News: कम समय में करोड़पति बनना है तो करें इस पेड़ की खेती, इतनी महंगी बिकती है इसकी लकड़ी

3 Min Read
खबर शेयर करें

Kisan News: लोग गैरपरंपरागत खेती पर जोर दे रहे हैं, जिससे किसानों को नुकसान कम फायदा ज्यादा हो रहा है। ऐसी एक खेती है महोगनी के पेड़ों की जिसे लगाने के बाद किसान कुछ वक्त के बाद करोड़पति बन सकते हैं।

जब खेती की बात होती है तो आमतौर पर गेहूं, धान, आलू वगैरह पर आकर बात रुक जाती हैं। हालांकि बीते कुछ वक्त में खेती का यह अंदाज बदल चुका है। अब लोग गैरपरंपरागत खेती पर जोर दे रहे हैं, जिससे किसानों को नुकसान कम फायदा ज्यादा हो रहा है। ऐसी एक खेती है। महोगनी के पेड़ों की जिसे लगाने के बाद किसान करोड़पति बन सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक अगर एक किसान अपने एक एकड़ खेत में करीब 120 पेड़ लगाता है अगले 12 साल में वह करोड़पति बन सकता है।

कहां लगाते हैं महोगनी का पेड़ महोगनी के पेड़ों को लगाने के लिए वह जगह सटीक होती है जहां तेज हवाएं नहीं चलती हों। इसके लिए प्राकृतिक रूप से उपजाऊ मिट्टी, पानी निकलने का सही इंतजाम होना चाहिए। असल में महोगनी के पेड़ों को तैयार होने में 12 साल का समय लगता है। यह पेड़ 200 फीट की ऊंचाई तक बढ़ते हैं।

इस तरह से होता है इस्तेमाल

महोगनी के पेड़ों का इस्तेमाल जहाज, गहने, फर्नीचर, प्लाईवुड, मूर्तियां बनाने और सजावट के लिए किया जाता है। असल में महोगनी के पेड़ काफी मजबूत होते हैं। इसकी लकड़ी पर पानी का भी बहुत ज्यादा असर नहीं होता है। इसके अलावा महोगनी के पेड़ की पत्तियों में औषधीय गुण भी होते हैं। इससे कैंसर, ब्लड प्रेशर, सर्दी जैसी बीमारियों का इलाज हो सकता है। ऐसे में इसकी पत्तियों से साबुन, पेंट और कई बीमारियों की दवाइयां बनाई जाती हैं।

ऐसे होती है कमाई

महोगनी के पेड़ों से लकड़ी तो 12 साल में तैयार होती है। लेकिन पांच साल में यह बीज देते हैं और यह बीज काफी महंगे होते हैं। मार्केट में इनकी कीमत एक हजार रुपए प्रति किलो तक है। वहीं, इसकी लकड़ी की कीमत करीब 2500 रुपए प्रति क्यूबिक घनफीट तक होती है। इसके अलावा बीजों और फूलों का उपयोग दवाएं बनाने में होता है।


खबर शेयर करें
Share This Article
By Harry
Follow:
नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।