सदाबहार लीची की खेती देश-विदेश में हैं विशेष पहचान, आपको भी कर सकती है मालामाल ….

Rate this post

सदाबहार फसल लीची की देश-विदेश में हैं विशेष पहचान – लीची एक उष्णकटीबंधीय  सदाबहार फसल है। लीची के फल अपने आकर्षक रंग, स्वाद और गुणवत्ता के कारण भारत ही नहीं बलिक विश्व में अपना विशिष्ट स्थान बनाये हुये हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट एंव कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा फॉस्फोरस, खनिज पदार्थ, प्रोटीन, विटामिन-सी आदि भी पाये जाते हैं।

लीची एक बागवानी फसल हैं जिसको सफलतापूर्वक लगाया जा सकता हैं, लेकिन इसकी खेती के विशेष प्रकार की जलवायु की आवश्यकता होती हैं और ऐसी जलवायु देश के कुछ ही क्षेत्रों में हैं। भारत में लीची की खेती बहुत ही सीमित भू-भाग में की जा रही हैं।

लीची के सफल उत्पादन के लिए नम या अद्र, उपोष्ण जलवायु का होना आवश्यक हैं। साधारण से अधिक वर्षा (100-140 सेमी.) पालारहित भूभाग एंव तापमान 15-30 डिग्री सेमी. में पौधों की वानस्पतिक वृध्दि अच्छी होती हैं।  साथ ही उत्तम जल निकास वाली बलुई दोमट मृदा बागवानी के लिए सबसे उपयुक्त मानी गयी हैं।  इसके पौधो को पहले से तैयार गड्ढों में 6-8 मीटर की पौध दुरी पर अगस्त के महीने में रोपित करना उपयुक्त माना जाता हैं।  लीची के प्रमुख किस्में मुजफ्फरपुर शाही, अर्ली बेदाना, लोट बेदाना, सबौर बेदाना, देहरादून, कलकत्ता, बीज रहित देर और गुलाब सुगंधित कावेरी हैं।

लीची के पेड़ में को कब लगाना चाहिए एंव इसमें फल कब आते हैं?

लीची के पेड़ को जनवरी-फरवरी महीने में लगाना चाहिए क्योकि तब मौसम साफ रहता हैं और शुष्क जलवायु में इसकी खेती की जाती है। जिससे ज्यादा फूल एवं फल आते हैं। अप्रैल-मई में वातावरण में सामान्य आर्द्रता रहने से फलों में गूदे का विकास एवं गुणवत्ता में सुधार होता है। फल पकते समय वर्षा होने से फलों का रंगों पर प्रभाव पड़ता है। सामान्यताः लीची के पेड़ में 4-5 साल बाद फल आना प्रारंभ हो जाते हैं।

लीची के पेड़ में डाले जाने वाले उर्वरक

लीची के पेड़ में गोबर की खाद को 60 किग्रा डालना चाहिए। वही नाइट्रोजन को 100 ग्राम, फॉस्फोरस को 40 ग्राम और पोटेशियम को 400 ग्राम डालना चाहिए। लाची के 20 साल पुराने पेड़ में नाइट्रोजन को 2 खुराकों में विभाजित करके डालना चाहिए। गोबर खाद, फॉस्फोरस और पोटेशियम को दिसंबर में लगाना चाहिए। इससे प्रत्येक पेड़ 80 से 100 किलोग्राम तक उपज देता हैं।

  social whatsapp circle 512
WhatsApp Group
Join Now
2503px Google News icon.svg
Google News 
Join Now
Spread the love