Kisan News: लंगड़ा बुखार इतना खतरनाक है कि पशुओं की जान भी ले सकता हैं,यह लगवाएं टीका,पशु रहेंगे स्वस्थ

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लंगड़ा बुखार रोग (ब्लैक क्वाटर) पशुओं में होने वाली घातक और भयंकर बीमारी हैं। यह मुख्य रूप से गाय, भैंस और भेंड़ में होता हैं। लंगड़ा बुखार को लंगड़िया रोग, ब्लैक क्वार्टर रोग, कृष्णजंघा रोग, जहरबाद रोग, एकटंगा रोग, आदि कई नामो से जाना जाता हैं।

लंगड़ा बुखार रोग 6 माह से 2 साल की आयु वाले पशुओं में बहुत जल्दी होता हैं। यह रोग गाय व भैंसों में होने वाला एकल घातक रोग हैं। इस रोग के लक्षण पशुओं में नजर आने के बाद 24 घण्टों के अन्दर पशुओं की मृत्यु भी हो सकती हैं। हांलाकि यह रोग भैंसों में ज्यादा घातक नहीं होता हैं। इस रोग का प्रकोप पशुओं में अप्रैल से जून के महीने में अधिक होता हैं।

पशुओं में होने वाली बीमारी लंगड़ा बुखार(ब्लैक क्वाटर) के लक्षण

  1. यह रोग गोपशुओं में अधिक होता हैं।
  2. पशुओं को तेज बुखार आता हैं।
  3. पशु सुस्त होकर खाना पीना छोड़ देते हैं।
  4. पशुओं की अगली और पिछली टांग में सूजन आ जाती हैं।
  5. सूजन के ऊपर वाली चमड़ी सूखकर कड़ी हो जाती हैं।

पशुओं में होने वाली बीमारी लंगड़ा बुखार(ब्लैक क्वाटर) से बचाव

  1. वर्षा ऋतु से पूर्व इस रोग का टीका लगवा लेना चाहिए।
  2. रोगग्रस्त पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग कर देना चाहिए।
  3. सूजन को चीरा मारकर खोल देना चाहिए जिससे जीवाणु हवा के संपर्क में आने पर अप्रभावित हो जाता हैं।
  4. 4 महीने से लेकर 3 वर्ष के पशुओं में प्रति वर्ष लंगड़ा बुखार का टीका लगवायें।
  5. पशुओं को लंगड़ा रोग से बचाव के लिए पशुओं के आवास की नियमित रूप से साफ-सफाई करवायें।
  6. अप्रैल से जून तक के महीनों में पशुओं की विशेष देखभाल करें।

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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।