कम लागत में अधिक मुनाफा देगी कुट्‌टू की खेती, होगी मोटी कमाई, जाने खेती करने का तरीका

Rate this post

Buckwheat Farming: कम लागत में अधिक मुनाफा देगी कुट्‌टू की खेती, होगी मोटी कमाई, जाने खेती करने का तरीका आजकल देश के युवा किसान कम समय में अधिक मुनाफा पाने के लिए आधुनिक और वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने के और अग्रसर हो रहे है। ऐसे में कम समय में अधिक लाभ देने वाली फसलों में कुट्‌टू की खेती भी आती है।जिससे किसान तगड़ी कमाई कर सकता है। बता दें कि बाजार में कुट्‌टू का आटा, गेहूं व चावल के आटे से भी ज्यादा महंगा बिकता है। भारत में उपवास करने वाले लोग सिंघाड़े से अधिक इसके आटे से बने व्यंजनो को खाना पसंद करते है।

भारत में कुटटू को अनेक नामों से जाना जाता है

download 2023 04 08T123459.652

कुट्‌टू की खेती से किसान हो सकता है अमीर। आपको बता दे की कुट्‌टू एक फूल वाला पौधा है। इसे भारत में कई नामों से जाना जाता है। कुट्‌टू को टाऊ, ओगला, ब्रेश, फाफड, पदयात, बक व्हीट आदि कहा जाता है। इसकी उत्पत्ति का मूल स्थान उत्तरी चीन और साइबेरिया को माना जाता है। रूस में इसकी खेती व्यापक स्तर पर की जाती है।

कम लागत में अधिक मुनाफा देगी कुट्‌टू की खेती, होगी मोटी कमाई, जाने खेती करने का तरीका

पोषक तत्वों से भरपूर है कुट्‌टू

आपको बतया दे की यह गेहूं व धान से अधिक पौष्टिकता के गुणों से भरपूर होता है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन और वसा सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके पौधे का हर भाग उपयोगी होता है। इसके तने की सब्जी बनाकर खायी जाती है। और इसके फूल व हरी पत्तियों का उपयोग औषधी निर्माण के लिए किया जाता है। इसके फलों का आटा सेहत के लिए काफी लाभप्रद माना गया है।

भारत के इन राज्यों में की जाती है कुट्‌टू की खेती

कुटटू की खेती प्रमुखतः भारत के इन राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, असम, सिक्किम, जम्मू और कश्मीर, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश में बड़े पैमाने पर की जाती है।

कुट्‌टू की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

आपको बता दे की कुट्‌टू की खेती के लिए ठंडी और नम जलवायु सबसे बेहतर मानी जाती है। इसकी पैदावार के लिए अधिक गर्मी की जरुरत नहीं होती है, इसकी खेती अधिकांशत: पहाड़ी इलाको में की जाती है।

कुट्‌टू की खेती के लिए उपयुक्त

आपको बता दे की कुटटू की खेती के लिए सभी प्रकार की मिट्‌टी बेहतर होती है। बस आपको यह ध्यान रखें है इसकी खेती लवणीय और क्षारीय भूमि में नहीं कर सकते। खेती के लिए मिट्‌टी का पीएच मान 6.5 से लेकर 7.5 बेहद उपयुक्त माना जाता है।

कुट्‌टू की खेती के लिए उपयुक्त समय

आपको बता दे की कुटकु की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय सितंबर से अक्टूबर का महीना होता है। क्योंकि इस समय में न तो सर्दी होती है और न ही गर्मी, इसिलए ये समय सबसे बेहतरीन माना जाता है।

कुट्‌टू की खेती के लिए बेहतरीन किस्मे

download 2023 04 08T123455.227

कुट्‌टू की खेती के बम्पर उत्पादन प्राप्त करने के लिए आप इसकी विभन्न किस्मे जैसे हिमप्रिया, हिमगिरी, संगला-1 किस्में प्रमुख होती है हैं। जिसकी बुवाई आप कर सकते है।

कुट्‌टू की खेती से उत्पादन

आप कुटटू की इन प्रमुख फसलों की बुवाई करके लगभग 13 क्विंटल तक उपज प्राप्त कर सकते है। जब कुट्‌टू की फसल जब 70 से 80 प्रतिशत पक जाए तब उसे काट लेना चहिये वार्ना इसके बीजों के झड़ने के की समस्या अधिक रहती है। कटाई के बाद फसल को सुखाया जाता है. फिर बाजार में बेचा जाता है। जससे तगड़ा मुनाफा मिलता है।

  social whatsapp circle 512
WhatsApp Group
Join Now
2503px Google News icon.svg
Google News 
Join Now
Spread the love