मानसून 2023: किसानों के लिए इस साल सामान्य रहेगा मानसून,कब करें बुवाई, बारिश कब रहेंगी अधिक

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देश के मौसम विभाग का मानना है कि इस साल देश में सामान्य मानसून रह सकता है। साल भर औसत 96 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान है। साल 2023 के मानसून के लिए मौसम विभाग का ये पहला अनुमान है। इसके बाद मई में दूसरा अनुमान जारी किया जाएगा। मौसम विभाग का कहना है कि मानसून के दौरान अगस्त-सितंबर में अल नीनो का असर देखने को मिल सकता है। हालांकि, अल नीनो का बहुत ज्यादा असर दिखाई नहीं देगा।

मानसून की रफ्तार को लेकर मौसम विभाग मई में एक बार फिर अनुमान जारी करेगा। इसमें पता चलेगा कि मानसून की रफ्तार कैसी है। आमतौर पर मानसून की शुरुआत 25 मई से 1 जून के बीच होती है। इस दौरान मानसून केरल में दस्तक देता है। मौसम विभाग के मुताबिक, अमूमन केरल में मानसून 1 जून को पहुंचता है। इसके अलावा तमिलनाडु, बंगाल की खाड़ी, कोंकण में भी मानसून 15 जून तक सक्रिय होता है।

जून महीने में वर्षा पर आधारित कृषि क्षेत्र के लिए अच्छी खबर आ सकती है। दरअसल, सामान्य मानसून की स्थिति में बारिश होने से फसलों को फायदा मिल सकता है। हालांकि, कमजोर पडऩे पर पैदावार को नुकसान होने की संभावना रहती है। अगले अनुमान में ज्यादा साफ होगा कि कृषि के लिए इस साल का मानसून कैसा रह सकता है। मानसून आने पर किसान खरीफ फसलों में मुख्य रूप से धान की खेती करते हैं। मानसून पूर्वानुमान में यह उम्मीद की जा रही है कि साल 2023 का मानसून सामान्य रहेगा। अच्छी बारिश होने की स्थिति में अच्छी पैदावार होने की उम्मीद होती है। इससे किसानों को फायदा होता है।परन्तु इस वर्ष के लिए भारतीय मौसम विभाग एवं प्रायवेट संस्था स्काईमैट के मौसम पूर्वानुमान में अंतर है इसलिए आने वाला समय बताया कि किसका पूर्वानुमान सटीक बैठता है?

स्काईमेट ने बताया कमजोर मानसून

इससे पहले वेदर रिपोर्ट देने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट ने मानसून 2023 का पूर्वानुमान जारी किया था। स्काईमेट के मुताबिक, इस साल सामान्य से कम मानसून का अनुमान है। मतलब बारिश सामान्य से कम रह सकती है। स्काईमेट के मुताबिक, सामान्य बारिश होने की सिर्फ 25 प्रतिशत संभावना है। रुक्क्र का 94 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान है। वहीं, सूखा पडऩे की भी 20 प्रतिशत संभावना है। दरअसल, ला नीना खत्म हो चुका है और आने वाले दिनों में अल नीनो के चलते मानसून के कमजोर रहने की संभावना बन रही है।

मौसम विभाग मई के अंत में फिर जारी करेगा पूर्वानुमान

आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि आईएमडी मई 2023 के अंतिम सप्ताह में मानसून के मौसम की वर्षा के लिए अद्यतन पूर्वानुमान जारी करेगा। संभावित पूर्वानुमानों का स्थानिक वितरण से पता चलता है कि प्रायद्विपीय भारत के कई क्षेत्रों और इससे सटे पूर्व मध्य भारत, पूर्वोत्तर भारत और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। उत्तर पश्चिमी भारत के कुछ क्षेत्रों और पश्चिमी मध्य भारत के कुछ हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य व सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।

डॉ. महापात्र ने कहा, वर्तमान में, ला नीना की स्थिति भू-मध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में तटस्थ स्थितियों में बदल गई है। नवीनतम एमएमसीएफएस के साथ-साथ अन्य जलवायु मॉडल पूर्वानुमान इंगित करते हैं कि अल नीनो की स्थिति मानसून के मौसम के दौरान विकसित होने की संभावना है ।डॉ. महापात्र ने बताया कि चूंकि प्रशांत और हिंद महासागर के ऊपर समुद्र की सतह के तापमान (सी सर्फेस टेम्परेचर- एसएसटी) की स्थिति को भारतीय मानसून पर एक मजबूत प्रभाव के लिए जाना जाता है इसलिए आईएमडी इन महासागरीय घाटियों (बेसिन्स) पर समुद्र की सतह की स्थिति के विकास की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा है।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।