kisan news : बेस्ट क्वालिटी आलू की करे खेती और कमाए लाखो बहुत ही कम लागत में

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kisan news : देश में आलू की खेती बड़े स्तर पर की जाती है. क्योंकि यह देश की प्रमुख सब्जी फसल है. आज लगभग हर घर में आलू की सब्जी जरूर बनती है. इसीलिए बाजार में इसकी मांग भी काफी अच्छी रहती है. इसीलिए लगभग हर राज्य में इसकी खेती की जाती है आलू की से किसान भाइयों को बहुत ज्यादा आमदनी नहीं होती है. क्योंकि इसकी बुवाई बहुत ज्यादा की जाती है. इसीलिए इसकी अच्छी कीमत नहीं मिलती है. लेकिन किसान भाई कुछ किस्मों की बुवाई कर अच्छी आमदनी कर सकते हैं. क्योंकि इन किस्मों से आलू की चिप्स बनाए जाते हैं. इसीलिए इन किस्मों को चिप्स बनाने वाली कंपनियां सीधे किसान से ही खरीद लेती हैं.इससे किसानों को अच्छी कीमत भी मिलती है. तो आइए जानते हैं, आलू की चिप्स बनाने वाली प्रमुख किस्में कौन-कौन सी हैं

किस्म -कुफरी चिप्सोना-3

आलू की चिप्स वाली किस्म कुफरी चिप्सोना-3 के कंद सफेद क्रीमी, अंडाकार, सतही आंखों वाले तथा गूदाकार सफेद होते हैं.किस किस्म की उपज 110 से 120 दिनों में तैयार हो जाती है.इस किस्म की सबसे अच्छी बात यह है, यह पछेता झुलसा रोग प्रतिरोधी किस्म होती है.इसके अलावा इस किस्म के कंदों में अवकारक शर्करा 10 से 100 मिग्रा प्रति 100 ग्राम ताजा आलू और शुष्क पदार्थ की मात्रा 20 से 23% तक होती है. इस की भंडारण क्षमता भी काफी अच्छी होती है. इस किस्म के कन्द चिप्स बनाने के लिए काफी अच्छे होते हैं. अगर इसकी पैदावार की बात करें तो लगभग 300 से 350 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक इसकी उपज हो जाती है.

किस्म -कुफरी हिमसोना

आलू की चिप्स बनाने वाली इस किस्म के कंद सफेद क्रीमी गोल-अंडाकार सतही आंखों वाले तथा गूदा क्रीमी हो पाये जाते है. इस किस्म के कंदो में अवकारक शर्करा 10 से 80 मिग्रा प्रति 10 ग्राम ताजा आलू और शुष्क पदार्थ की मात्रा 21 से 24% तक पाई जाती है इस केस में पछेता झुलसा रोग की मध्यम प्रतिरोधी होती है. इसकी भंडारण क्षमता भी काफी अच्छी पाई जाती है. अगर उपज की बात की जाए, तो इसकी उपज पहाड़ी क्षेत्रों में लगभग 15 से 20 कुंतल प्रति हेक्टेयर और मैदानी क्षेत्रों में लगभग 300 से 350 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक हो जाती है. इस किस्म की फसल 120 से 130 दिनों में तैयार हो जाती है. इस आलू के कंद चिप्स और लच्छा बनाने के लिए काफी अच्छे होते हैं.

किस्म -कुफरी चिप्सोना-4

आलू की चिप्स बनाने वाली कुफरी चिप्सोना-4 किस्म के कंद सफेद क्रीमी, गोल-अंडाकार, सतही आंखों वाले व इसका गूदा सफेद पाया जाता है. इस किस्म को कर्नाटक राज्य में खरीफ की फसल के दौरान लगभग 180 से 220 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक उपज हो जाती है वही देश के मैदानी इलाकों में रबी की फसल में लगभग 300 से 350 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक उपज मिल जाती है. जबकि इसकी फसल 100 से 110 दिनों में तैयार हो जाती है.

इसके कंद गोल अंडाकार, शुष्क पदार्थ की मात्रा 20% से अधिक और कम अवकारक शर्करा 40 से 80 मिग्रा प्रति 100 ग्राम ताजा आलू के कारण चिप्स बनाने के लिए एकदम उपयुक्त पाई जाती है.

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नमस्ते! मैं कपिल पाटीदार हूँ। सात साल से मैंने खेती बाड़ी के क्षेत्र में अपनी मेहनत और अनुभव से जगह बनाई है। मेरे लेखों के माध्यम से, मैं खेती से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, विशेषज्ञ नुस्खों, और अनुभवों को साझा करता हूँ। मेरा लक्ष्य है किसान समुदाय को सही दिशा में ले जाना और उन्हें बेहतर उत्पादकता के रास्ते सिखाना।
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