कैमोमाइल फूलों(Chamomile flowers) में निकोटीन(Nicotine) नहीं पाया जाता है। यह पेट से संबंधित बीमारियों के लिए रामबाण है। इसके अलावा, इन फूलों का उपयोग सौंदर्य उत्पादों(Beauty products) के निर्माण में भी किया जाता है। कहा जाता है कि इसकी खेती किसानों की किस्मत बदल देती है.
फूलों की खेती भारत के लगभग हर राज्य में बड़े पैमाने पर की जाती है। इससे किसानों को बहुत अच्छा खासा आमदनी भी होती है। फूलों की मांग भारत देश के साथ-साथ विदेशों में भी बहुत महत्वपूर्ण है। वहीं, फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारें भी अलग-अलग तरीकों से सब्सिडी(subsidy) दे रही हैं। आज हम आपको एक ऐसे फूल के बारे में बताएँगे जिसकी खेती किसानों की किस्मत बदल सकती है. खास बात यह है कि इस फूल को उगाने की लागत काफी कम है, जबकि मुनाफा बहुत ज्यादा है। यही कारण है कि इस फूल की खेती को जादू का व्यवसाय भी कहा जाता है। यानी नुकसान का डर बहुत कम है।
दरअसल, हम बात कर रहे हैं कैमोमाइल फूल(Chamomile flowers) की। कहा जाता है उत्तर प्रदेश के हमीरपुर और बुंदेलखंड जिले के किसान बड़े पैमाने पर इस फूल की खेती कर रहे हैं। इससे उनकी आय बढ़ी है। ऐसे में कैमोमाइल फूलों(Chamomile flowers) की खेती के प्रति किसानों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है. इन फूलों से आयुर्वेदिक(Ayurvedic) और होम्योपैथिक(Homeopathic) दवाएं बनाई जाती हैं। इसलिए, निजी कंपनियां आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाएं बनाने के लिए इन फूलों की बड़े पैमाने में खरीदारी करती हैं, जिससे किसानों की अच्छा खासा आमदनी भी होती है।
पेट से जुड़ी बीमारियों के लिए बहुत लाभदायक है
एक रिपोर्ट के मुताबिक कैमोमाइल फूल में निकोटिन नहीं पाया जाता है। यह पेट से संबंधित बीमारियों के लिए बहुत लाभदायक है। इसके अलावा इन फूलों का इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट्स(Beauty products) के निर्माण में भी किया जाता है। स्थानीय किसानों का कहना है कि जब से उन्होंने इसे उगाना शुरू किया है, उन लोगों की किस्मत बदल गई है। कम खर्च में अधिक आय होती है। किसानों के मुताबिक आयुर्वेद कंपनी में मैजिक फूलों की मांग ज्यादा है। ऐसे में कई किसानों ने इस फूल को उगाना शुरू कर दिया है
Source by – kisannews