Kisan news : गेहूं और सरसों की अच्छी पैदावार के लिए वैज्ञानिक सलाह जरूर जाने

3 Min Read
खबर शेयर करें

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि बुवाई से पहले खेत में नमी का स्तर जांच लें ताकि अंकुरण प्रभावित न हो,खेत में दीमक का प्रकोप हो तो इस दवा का करें इस्तेमाल,अक्टूबर में दो बार हुई बेमौसम बारिश की वजह से गेहूं और सरसों की बुवाई प्रभावित हुई है,कई जगहों पर किसानों को दो-दो बार बुवाई करनी पड़ी है किसान इस बार सरसों की बुवाई पर अधिक जोर दे रहे हैं, क्योंकि इसका दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से 60-70 फीसदी अधिक है,अगर खेती वैज्ञानिकों की सलाह पर होगी तो पैदावार और गुणवत्ता दोनों अच्छी हो सकती है.

किसानों को कुछ सलाह दी है

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के वैज्ञानिकों सरसों और गेहूं की खेती के लिए किसानों को कुछ सलाह दी है.खासतौर पर खेत में नमी को लेकर. मौसम को ध्यान में रखते हुए गेंहू की बुवाई के लिए खाली खेतों को तैयार करें.उन्नत बीज व खाद की व्यवस्था करें. गेहूं की उन्नत प्रजातियों के बारे में जानकारी दी गई है.सिंचित परिस्थिति के लिए एचडी 3226, एचडी 18, एचडी 3086 एवं एचडी 2967 की बुवाई के लिए सलाह दी गई है.

खेत में दीमक का प्रकोप हो तो क्या करें

कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक बीज की मात्रा 100 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर की दर से लगेगा.जिन खेतों में दीमक का प्रकोप हो वहां इसके समाधान के लिए क्लोरपाईरिफॉस (20 ईसी) @ 5 लीटर प्रति हैक्टेयर की दर से पलेवा के साथ दें.नत्रजन, फास्फोरस तथा पोटाश उर्वरकों की मात्रा 120, 50 व 40 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर होनी चाहिए.

बुवाई में देरी न करें

पूसा के कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि तापमान को ध्यान में रखते हुए किसानों को अब सरसों की बुवाई में और अधिक देरी नहीं करनी चाहिए.मिट्टी जांच के बाद यदि गंधक की कमी हो तो 20 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर की दर से अंतिम जुताई पर डालें.बुवाई से पूर्व मिट्टी में उचित नमी का ध्यान अवश्य रखें.उन्नत किस्में- पूसा विजय, पूसा सरसों-29, पूसा सरसों-30, पूसा सरसों-31 हैं.बुवाई से पहले खेत में नमी के स्तर को अवश्य ज्ञात कर लें ताकि अंकुरण प्रभावित न हो.

Like To Read : – Kisan Yojana :इस योजना से अब किसानों को सीधे मिलेंगे 10000 रूपए

बीज का उपचार करें

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि बुवाई से पहले बीजों को केप्टान 2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार करें.

बुवाई कतारों में करना अधिक लाभकारी रहता है.

कम फैलने वाली किस्मों की बुवाई 30 सेंटीमीटर और अधिक फैलने वाली किस्मों की बुवाई 45-50 सेंटीमीटर दूरी पर बनी पंक्तियों में करें.

विरलीकरण द्वारा पौधे से पौधे की दूरी 12-15 सेंमी कर लें.


खबर शेयर करें
TAGGED:
Share This Article
Follow:
नमस्ते! मैं कपिल पाटीदार हूँ। सात साल से मैंने खेती बाड़ी के क्षेत्र में अपनी मेहनत और अनुभव से जगह बनाई है। मेरे लेखों के माध्यम से, मैं खेती से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, विशेषज्ञ नुस्खों, और अनुभवों को साझा करता हूँ। मेरा लक्ष्य है किसान समुदाय को सही दिशा में ले जाना और उन्हें बेहतर उत्पादकता के रास्ते सिखाना।
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *