किसानो की 33 मुद्दों पर मांगें पूरी नहीं हुई तो किसान आंदोलन करेंगे

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भोपाल: 33 मुद्दों पर मांगें पूरी नहीं हुई तो किसान आंदोलन करेंगे –

मध्यप्रदेश में एक बार फिर किसान शिवराज सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिव कुमार ‘कक्काजी’ ने कहा  ओलावृष्टि-आंधी से प्रभावित फसलों का मुआवजा, गेहूं-चना, प्याज, आलू के निर्यात से रोक हटाने, समर्थन मूल्य बढ़ाने समेत 33 मुद्दों पर मांगें पूरी नहीं हुई तो किसान आंदोलन करेंगे।

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ट्रेड यूनियन में पंजीकृत भारत का एकमात्र गैर राजनैतिक किसान संगठन है.

जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिवकुमार कक्का जी ने  भोपाल में आंदोलन की रूपरेखा बताई।

कहा कि नकली खाद, बीज-कीटनाशक का मध्यप्रदेश बड़ा हब बन गया है।

सीमांकन, बंटान,  आदि के 16 लाख प्रकरण में पेंडिंग पड़े हैं। सीमांकन की नई मशीन अच्छा काम करती है,

लेकिन वह विवाद खड़ा कर रही है। मार्च में पूरे प्रदेश में बारिश, ओलावृष्टि और तेज आंधी चली। इससे गेहूं की फसलें बर्बाद हो गई है। अधिकांश जगहों पर गेहूं की सूखी फसल खड़ी थी।

इससे दाना कमजोर हो गया है। इसलिए सरकार सर्वे कराने के बाद जल्द ही किसानों को मुआवजा राशि दें। वहीं, एफएक्यू के पैमाने पर थोड़ी नरमी बरती जाए।

राष्ट्रीय अध्यक्ष कक्काजी ने कहा कि निर्यात से रोक हटाए। कपास के निर्यात पर रोक लगने से मूल्य काफी गिर गए हैं। रोक हटने से किसानों को लाभ मिलेगा। किसानों की ऋणमुक्ति की जाए।

किसानों की प्रमुख मांगें

-.पूर्व से लंबित राहत राशि एवं फसल बीमा की राशि अविलंब किसानों के खातों में डाली जाए।

-.ओला गिरते समय पट्टी पकड़ कर चलता है इसलिए संपूर्ण हल्के में खेतों का नुकसान समांतर नहीं होता। इस हेतु RBC 6-4 की धारा में राहत राशि वितरण और फसल बीमा वितरण में हल्का पटवारी की जगह खेत को ही इकाई माना जाए।

-.मुख्यमंत्री  द्वारा घोषणा की गई है कि 50% से ज्यादा नुकसान पर 32000 रूपया हेक्टेयर के हिसाब से राहत राशि दी जाएगी। कृपया सरकार अपना आशय स्पष्ट करे कि 50% से कम नुकसान होने पर कितनी राहत राशि दी जाएगी।

-.समस्त कृषकों को 200000 तक के ऋण से मुक्त किया जाए।-कृषि यंत्रों उपकरणों तथा खाद कीटनाशकों को जीएसटी से मुक्त रखा जाए।

-.C2+50 स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के आधार पर एमएसपी घोषित की जाए तथा सभी फसलों को क्रय करने हेतु एमएसपी गारंटी कानून बनाया जाए।

-.प्रदेश में किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर लगे सभी मुकदमे वापस लिए जाएं तथा शहीद परिवार को मुआवजा राशि तथा उनके परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी दी जाए।

-.कंप्यूटर रिकॉर्ड में किसानों को भारी त्रुटियों का सामना करना पड़ रहा है,इस प्रकार की त्रुटियों को अविलंब दूर किया जाए।

-.मंडी के चुनाव सीधे किसानों द्वारा कराए जाएं।

.गन्ने का समर्थन मूल्य 360 करते हुए गन्ने की बकाया राशि का भुगतान अविलंब कराया जाए।

-.डीजल पर लिया जा रहा टैक्स समाप्त कर किसानों को डीजल 50 प्रति लीटर के भाव से दिया जाए।

-.कृषि कार्य हेतु बिजली कम से कम 12 घंटे वह भी एक ही बार में दी जाए ।

.समस्त किसानों के 50% बिजली बिल माफ किए जाए। प्राथमिक स्तर से स्नातकोत्तर तक किसानों एवं मजदूरों के बच्चों की शिक्षा निशुल्क तथा गांव के स्कूल में शिक्षकों की संख्या सुनिश्चित की जाए।

-.60 वर्ष से अधिक आयु के किसानों,मजदूरों एवं घरेलू व कामकाजी महिलाओं, विधवाओं, अशक्तजनों और अनाथ को प्रति माह 4000 की सम्मान निधि राशि प्रदान की जाए । 

source by – krishakjagat

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