किसानों की फसलों को नहीं खा पाएंगे पक्षी, सरकार फसल पर लगने वाली जाली पर दें रहीं बंपर सब्सिडी, उठाएं लाभ

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राजस्थान सरकार उद्यानिकी फसलों को पक्षियों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए बंपर सब्सिडी दे रही है। इस सब्सिडी को हासिल करने के लिए किसानों के पास कृषि योग्य भू-स्वामित्व, स्वयं का फल बगीचा और सिंचाई स्त्रोत होना आवश्यक है।

देश की अधिकतर आबादी अपनी आजीविका के लिए खेती-किसानी पर निर्भर है। बाढ़, बारिश, ओलावृष्टि और सूखे के चलते इस आजीविका पर लगातार खतरा मंडराते रहता है। जंगली पशुओं और पक्षियों से भी फसल को बेहद नुकसान पहुंचाता है। इसी कड़ी में राजस्थान सरकार फसलों को पक्षियों से बचाने के लिए एंटी बर्ड नेट लगाने पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी देती है।

क्या है एंटी बर्ड नेट पर सब्सिडी पाने के लिए किसानों की योग्यता

राजस्थान सरकार उद्यानिकी फसलों को पक्षियों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए बंपर सब्सिडी दे रही है। किसानों को 5000 वर्ग मीटर क्षेत्र में इस नेट को लगाने के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। प्रति वर्ग मीटर की लागत 35 रुपये रखी गई है. किसानों को 5000 वर्ग मीटर क्षेत्र के लिए कुल 87,500 रुपये दिए जाएंगे। इस सब्सिडी को हासिल करने के लिए किसानों के पास कृषि योग्य भू-स्वामित्व, स्वयं का फल बगीचा और सिंचाई स्त्रोत होना आवश्यक है।

सब्सिडी पाने के लिए किसान यहां करें आवेदन

एंटी बर्ड नेट पर सब्सिडी हासिल करने के लिए किसानों को राजकिसान साथी पोर्टल या ई-मित्र केंद्र पर जाकर आवेदन करना होगा। इस दौरान किसानों के पास आधार कार्ड, जमाबन्दी की नकल (6 महीने से अधिक पुरानी नहीं हो), अनुमोदित फर्म का कोटेशन होना बहुत जरूरी है।

किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफर की जाएगी अनुदान की राशि

उद्यान विभाग द्वारा जारी प्रशासनिक स्वीकृति/ कार्यादेश जारी किये जानें के बाद ही एंटी बर्ड नेट लगाने का काम शुरू किया जा सकेगा। सरकार द्वारा गठित कमेटी द्वारा एंटी बर्ड नेट सत्यापन के बाद ही अनुदान की राशि सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी। अधिक जानकारी के लिए किसान सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग राजस्थान या फिर राजकिसान साथी पोर्टल पर विजिट कर सकते हैं।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।