क्यों खास है कीड़ा-जड़ी मशरूम (यारशागुंबा मशरूम) की खेती??
कीड़ा मशरूम को यारशागुंबा (YARSAGUMBA) मशरूम भी कहते हैं। कीड़ा-जड़ी मशरूम में कई प्रकार के औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इन गुणों के कारण ही यह मशरूम कई बीमारियों जैसे गुर्दा रोग, सांस की बीमारियों और कैंसर में भी सहायक है। इसी वजह से इसकी बाजार कीमत लगभग प्रति किलोग्राम 2 लाख रुपए तक है। अधिकांश किसान औषधीय और अन्य फसल की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इससे किसान की आय में वृद्धि हो रही है। किसानों द्वारा बागवानी और उद्यानिकी फसलों की खेती भी की जा रही है। इसी क्रम में एक किसान “डॉ. चरण सिंह” द्वारा कीड़ा-जड़ी मशरूम की खेती कर अच्छी कमाई की गई है। आइए, कीड़ा-जड़ी मशरूम की खेती से संबंधित जानकारी प्राप्त करें।
यारशागुंबा मशरूम (YARSAGUMBA) या कीड़ा-जड़ी मशरूम कैसे बनाती है करोड़पति??
कीड़ा-जड़ी मशरूम यारशागुंबा मशरूम (YARSAGUMBA) एक ऐसी सब्जी है जो करोड़पति बना सकती है। इस सब्जी की कीमत इतनी है कि इसका मूल्य सोने से भी ज्यादा है। कीड़ा-जड़ी मशरूम की बाजार कीमत प्रति किलोग्राम 2 लाख से भी अधिक है। यदि 50 किलोग्राम सब्जी का उत्पादन कर लिया जाए तो 1 करोड़ से ज्यादा की कमाई हो सकती है। कीड़ा-जड़ी मशरूम की कीमत ज्यादा होने के भी कई कारण हैं।
कीड़ा-जड़ी मशरूम के महंगी बिकने का क्या कारण है??
कीड़ा-जड़ी मशरूम महंगी होने के कई कारण हैं, किंतु सबसे बड़ा कारण यह है कि इसकी उपलब्धता सीमित है। कीड़ा-जड़ी मशरूम यारशागुंबा मशरूम (YARSAGUMBA) एक प्रकार की जंगली मशरूम है। कीड़ा-जड़ी मशरूम की मांग ज्यादा होने और उपलब्धता कम होने से इसका मूल्य काफी अधिक है। यह कई बीमारियों में संजीवनी के रूप में काम करती है, इसलिए ही बड़े-बड़े खिलाड़ी और पहलवान इस सब्जी की मांग करते हैं। कीड़ा-जड़ी मशरूम की सब्जी को खाने से रसायनों का शरीर पर गलत प्रभाव नहीं होता है और इसमें पाए जाने वाले औषधीय गुण इसको प्रभावशाली बनाते हैं।
कीड़ा-जड़ी मशरूम की खेती से संबंधित डॉ. चरण सिंह
कीड़ा-जड़ी मशरूम की खेती से संबंधित युवा किसान डॉ. चरण सिंह की बात करें तो जैव प्रौद्योगिकी के प्रोफेसर डॉ. चरण सिंह ने 8000 मीटर की ऊंचाई पर होने वाली इस कीड़ा-जड़ी मशरूम को लगाकर कीर्ति हासिल की है। यह कार्य उन्होंने श्रीनगर में किया। यहां तक कि दूर-दूर से कई किसान प्रोफेसर चरण सिंह से कीड़ा-जड़ी मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण लेकर अब नए तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं।
कीड़ा-जड़ी मशरूम की खेती कहां की जाती है??
कीड़ा-जड़ी मशरूम दुनिया की सबसे महंगी सब्जी है। कीड़ा-जड़ी मशरूम एक जंगली मशरूम है। कीड़ा-जड़ी मशरूम को यारशागुंबा भी कहते हैं क्योंकि चीन और तिब्बत में स्थानीय लोग इसे यारशागुंबा के नाम से जानते हैं। सामान्य रूप से चीन और तिब्बत के ठंडे इलाकों में इसकी खेती की जाती है। मशरूम की इस प्रजाति को कीड़े के माध्यम से उगाने के कारण इसका नाम कीड़ा-जड़ी मशरूम है। वैसे इसकी खेती लोग एक छोटे से कमरे का प्रयोग लैब के रूप में करके करते हैं, साथ ही इससे काफी कमाई कर रहे हैं और वातावरण मशरूम के लिए उपयुक्त होना चाहिए।
कीड़ा-जड़ी मशरूम (यारशागुंबा मशरूम) की खेती किस प्रकार की जाए??
कीड़ा-जड़ी मशरूम की खेती किस प्रकार की जाए इसके लिए श्रीगंगानगर के युवा किसान डॉ. चरण सिंह के अनुसार बात करें तो कीड़ा-जड़ी मशरूम की खेती के लिए एक छोटा कमरा जिसकी लंबाई और चौड़ाई 10 × 10 हो। इस कमरे को लैब के हिसाब से प्रयोग किया जाता है। इस लैब को खंडों में विभक्त करना पड़ता है। लैब की यह विधि खर्चीली विधि है, जिसमें किसानों की 7 से 8 लाख रुपए तक की लागत हो जाती है क्योंकि कीड़ा-जड़ी मशरूम की खेती के लिए कई उपकरणों की आवश्यकता होती है जो इसकी खेती को खर्चीला भी बनाती है।
कीड़ा-जड़ी मशरूम से प्राप्त उपज
कीड़ा-जड़ी मशरूम से वर्ष में 4 बार उपज ले सकते हैं। 10 × 10 लंबाई और चौड़ाई के एक कमरे को लैब के रूप में प्रयोग कर उगाई गई मशरूम हर 3 माह में 5 किलोग्राम फसल देती है। इस प्रकार वर्ष भर में 20 किलोग्राम मशरूम की उपज प्राप्त की जा सकती है।
कीड़ा-जड़ी मशरूम से प्राप्त कमाई
कीड़ा-जड़ी मशरूम की खेती में लैब से प्रत्येक 3 माह में 5 किलोग्राम से ज्यादा मशरूम की उपज प्राप्त होती है। इस प्रकार 3 महीने में ही 5 किलोग्राम मशरूम से 10 लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है। इस प्रकार वर्ष भर में 20 किलोग्राम फसल से 40 लाख रुपए की कमाई प्राप्त हो जाती है।