Kisan News: भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां सबसे अधिकतम जनता खेती पर निर्भर है। मैदानी इलाकों वाले राज्यों में किसान बड़ी मात्रा में गेहूं का उत्पादन करतें हैं। आज हम आपको गेहूं की एक ऐसी किस्म के बारे में बताने जा रहे हैं,जिसकी खेती करके आप मालामाल हो सकते हैं। वर्तमान मे रबी की सीजन शुरू हो चुकी है। इसे देखते हुए सरकार के साथ-साथ किसान भी अब अपनी आय बढ़ाने के लिए अधिक लाभदायक फसलों की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं, विशेषकर काले गेहूं की खेती के प्रति किसानों की रुचि बढ़ने लगी है। आज हम आपको काले गेहूं की खेती के तरीके और फायदे बताएंगे। मंडी में जहां सामान्य गेहूं का भाव 2200 रुपए प्रति क्विंटल है वहीं काला गेहूं का भाव 6000 रुपए प्रति क्विंटल तक है।

किसान समाचार: काले गेहूं की खेती से किसान करीब तीन गुना लाभ प्राप्त कर सकते हैं। काले गेहूं की खेती की ओर सभी किसान आकर्षित होते जा रहे हैं। आज हम आपको काले गेहूं की उत्पादन विधी, उपज क्षमता और इसका फायदा बताएंगे।काला गेहूं एक आम गेहूं की एक प्रजाति है, जिसकी खेती सामान्य गेहूं की तरह ही की जाती है। काले गेहूं की विशेषता के कारण इसका मूल्य अधिक होता है। आमतौर पर गेहूं की खेती मध्य अक्टूबर से नवंबर तक की जाती है। लेकिन काले गेहूं की खेती के लिए सही समय नवंबर माना जाता है। यदि आप नवंबर के बाद काला गेहूं बोते हैं, तो आपको कम उपज मिलेगी।
Kisan News: काले गेहूं 6000रु. प्रति क्विंटल बिकेगे, देखे कैसे काले गेहूं की खेती करके लाखों कमाएं
Kisan News: दोमट भूमि काले गेहूँ की खेती के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है। इसके अलावा बलुई दोमट, भारी दोमट, मटियार और मार व कावर भूमि में भी इसकी खेती की जा सकती है। यदि किसान के पास सिंचाई के पर्याप्त साधन हों तो इसकी खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। काले गेहूं की खेती से पहले खेत को अच्छी तरह जोतना चाहिए। इसके बाद डिस्क हैरो या कल्टीवेटर की मदद से मिट्टी को भुरभुरा बनाने के लिए दो से तीन जुताई करनी चाहिए। वहीं ट्रैक्टर से चलने वाले रोटावेटर से एक ही जुताई करने से खेत तैयार फसल की बुवाई के लिए तैयार हो जाता है।
यह भी पढे:-आज का सरसों मंडी रेट दिवाली बाद आया भाव में बदलाव देखें कौन सी मंडी में रही तेजी
Kisan News: काले गेहूं की खेती में उपयोग की जाने वाली खाद और उर्वरक जस्ता, यूरिया और डीएपी हैं। काले गेहूं की खेती के लिए यूरिया, जिंक और डीएपी की निर्धारित मात्रा बुवाई से पहले खेत में डालना चाहिए और उसके बाद बीज बोना चाहिए। काले गेहूं की खेती में प्रति हेक्टेयर 10 किलो जिंक, 45 किलो यूरिया और 50 किलो डीएपी का प्रयोग करना चाहिए।पहली सिंचाई काली गेहूं की फसल की बुवाई के दो से तीन सप्ताह बाद करनी चाहिए। इसके बाद फसल बंटवारे के समय दूसरी सिंचाई करनी चाहिए। तीसरी सिंचाई फसल में गठरी बनते समय करनी चाहिए। चौथी सिंचाई गेहूँ की टहनियों के उभरने के समय करनी चाहिए। पांचवीं सिंचाई गेहूं की दूधिया अवस्था में करनी चाहिए। इसके बाद आखिरी सिंचाई गेहूं के दाने पकने के समय करनी चाहिए। इस प्रकार गेहूँ की फसल की उत्पादन अवधि के दौरान पाँच से छह सिंचाई की आवश्यकता होती है।
बाजार में 6000 हजार रुपए प्रति क्विंटल बिकेगा
किसान समाचार: किसान काले गेहूं की फसल को अपने पास के बाजारों या मंडियों सहित कृषि संस्थानों को बेच सकते हैं। काले गेहूं की कीमत बाजार में 5000 से 6000 तक है।आप काले गेहूं की खेती के बीज कृषि विभाग या कृषि संस्थानों से प्राप्त कर सकते हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश में इसके बीजों की कीमत आमतौर पर 70 से 80 रुपये प्रति किलो के बीच होती है।काला गेहूं शरीर के लिए पौष्टिक होने के साथ-साथ कई बीमारियों में भी फायदेमंद होता है। इसके औषधीय गुणों के कारण इसका सेवन मधुमेह, मोटापा, कैंसर, हृदय रोग सहित कई बीमारियों में लाभकारी बताया गया है। इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक रहती है। वहीं इसके उत्पादन से किसानों को लाभ मिल रहा है। इसकी खेती से किसान अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं हम आपको बता दें कि काले गेहूं का उत्पादन अगर आप करते हैं तो इसका उत्पादन तो अच्छा होगा ही साथ में आपको बहुत ही ज्यादा बेनिफिट भी होंगे क्योंकि इसकी खेती बहुत ही कम ही लोग करते हैं इसलिए इसका भाव भी अधिक रहता है।
यह भी पढ़ें:-इन प्याज की उन्नत किस्मों से होगी बंपर पैदावार और अधिक मुनाफा,अपने क्षैत्र के हिसाब से किस्म देखें

