गेहूं कटनी के बाद करे खीरे की खेती, मुनाफा इतना होगा की देखकर किसान हो जायेगे खुश

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Cultivation of Cucumber: गेहूं कटनी के बाद करे खीरे की खेती, मुनाफा इतना होगा की देखकर किसान हो जायेगे खुश, खीरे की खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है. इस फसल को पूरी तरह से पकने में 80 से 90 दिन तक का समय लग जाता है. एक एकड़ खेत में लगभग 400 क्विंटल तक खीरे का उत्पादन कर आप कम लागत में अच्छी कमाई कर सकते हैं.

खरीफ की फसलों की खेती के लिए बेस्ट ऑप्शन

रबी की फसलों की कटाई की शुरुआत हो चुकी है. अगले कुछ महीनों तक खेत खाली रहेंगे. इसके बाद खरीफ की फसलों की खेती के लिए खेतों को तैयार किया जाएगा. खाली महीने में किसान कम वक्त में ज्यादा मुनाफा पहुंचाने वाली फसलों की खेती कर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. ऐसे में किसान इस वक्त खीरे की फसल की भी बुवाई कर बढ़िया कमाई कर सकते हैं.

80 से 90 दिन में होगा बम्पर मुनाफा

गर्मियों का मौसम खीरे की खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. गर्मियों में इसकी मांग के चलते किसानों को मुनाफा भी ज्यादा मिलता है. हालांकि, खीरे की खेती किसान खरीफ, रबी और जायद तीनों सीजन कर सकते हैं. खीरे की खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है. इस फसल को पूरी तरह से पकने में 80 से 90 दिन तक का समय लग जाता है.

खीरे की खेती के लिए सिचाई के बारे में जाने

गर्म मौसम के समय खीरे के पौधे को ज्यादा सिंचाई की जरूरत पड़ती है. बारिश के एक सीजन में खीरे के पौधों को कुल 10 से 12 बार सिंचाई की जरुरत होती है. इसकी बुवाई के बाद समय-समय पर खेत का निरीक्षण करते रहें.खर-पतवार हटाते रहना चाहिए.  फसल की 15 से 20 दिन के अंतराल पर 3 से 4 बार गुड़ाई कर देनी चाहिए. वहीं बारिश के दौरान में फसल को 15 से 20 के अंतराल पर 4-5 बार निराई-गुड़ाई कर देनी चाहिए.

एक एकड़ में कितना होगा मुनाफा

कृषि विशेषज्ञों की मानें तो आप एक एकड़ खेत में लगभग 400 क्विंटल तक खीरे का उत्पादन कर सकते हैं. खीरे की खेती से आप प्रति सीजन 20 से 25 हजार की लागत में आराम से लगभग 80 हजार से एक लाख रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं.


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नमस्ते! मैं कपिल पाटीदार हूँ। सात साल से मैंने खेती बाड़ी के क्षेत्र में अपनी मेहनत और अनुभव से जगह बनाई है। मेरे लेखों के माध्यम से, मैं खेती से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, विशेषज्ञ नुस्खों, और अनुभवों को साझा करता हूँ। मेरा लक्ष्य है किसान समुदाय को सही दिशा में ले जाना और उन्हें बेहतर उत्पादकता के रास्ते सिखाना।