Hen Farming: 53000 के निवेश में 35 लाख का मुनाफा, सरकार भी दे रही बंपर सब्सिडी, देखें खबर

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Hen Farming subsidy: खेती करने में भी बहुत सारे ऐसे बिजनेस है जिसके माध्यम से आप आसानी से लाखों का मुनाफा हासिल कर सकते हैं। सरकार भी नया बिजनेस शुरू करने में मदद के लिए कई योजनाएं चला रही है जिससे छोटे कारोबरियों को लाभ मिल रहा है। आज यहां हम आपको आज एक ऐसे बिजनेस के बारे में बता रहे हैं जिसमें बहुत कम निवेश कर आप जबरदस्त मुनाफा कमा सकते हैं। ये बिजनेस है कड़कनाथ मुर्गों (Kadaknath Murga) का। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ ही देश के कई राज्यों में इसका जम कर कारोबार हो रहा है। मध्य प्रदेश के कड़कनाथ मुर्गे (Kadaknath Murga Business Idea) को जीआई टैग (GI Tag) भी मिला हुआ है।

कड़कनाथ मुर्गी पालन:अगर आप भी अपने बिजनेस से हर महीने तगड़ी कमाई करना चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की है। आज हम आपको कड़कनाथ मुर्गा (Kadaknath Murga) के बिजनेस के बारे में बता रहे हैं। ये काला मुर्गा दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बना चुका है। इसका सबसे ज्‍यादा कारोबार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किया जाता है। आदिवासी इलाके में इसे कालीमासी कहा जाता है। इसका मांस सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। औषधीय गुणों के चलते कड़कनाथ मुर्गे की बहुत मांग रहती है।

कड़कनाथ मुर्गों का कारोबार अब मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ ही देश के कई राज्यों में हो रहा है।आप इससे होने वाली कमाई का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कृषि विज्ञान केंद्र समय पर कड़कनाथ मुर्गे के चूजे उपलब्‍ध नहीं करा पा रहे हैं। कड़कनाथ मुर्गे की उत्पत्ति मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में हुई है इसलिए मध्य प्रदेश के कड़कनाथ मुर्गे को जीआई टैग (GI Tag) भी मिला हुआ है। इस टैग का मतलब है कि कड़कनाथ मुर्गे जैसा कोई दूसरा मुर्गा नहीं है।

कड़कनाथ मुर्गा पालन की आवश्यकता को समझते हुए इसे बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार कई योजनाएं चला रही हैं। छत्तीसगढ़ में सिर्फ 53,000 रुपये जमा करने पर सरकार की ओर से तीन किस्तों में 1000 चूजे, 30 मुर्गियों के शेड और छह महीने तक मुफ्त दाना दिया जाता है। वहीं, टीकाकरण और स्वास्थ्य देखभाल की जिम्मेदारी भी सरकार ही उठाती है। इतना ही नहीं, मुर्गों के बड़े होने पर मार्केटिंग का काम भी सरकार ही करती है।

अगर आप भी कड़कनाथ मुर्गा पालन का बिजनेस करना चाहते हैं तो कृषि विज्ञान केंद्र से चूजे ले सकते हैं। कुछ किसान 15 दिन का चूजा ले जाते हैं, जबकि कुछ लोग एक दिन का चूजा ले जाते हैं। कड़कनाथ का चूजा साढ़े तीन से चार माह के अंदर बिक्री के लिए तैयार हो जाता है। आपको बता दें कि कड़कनाथ मुर्गी के चूजे का रेट 70-100 रुपये के बीच है। इसके एक अंडे का रेट 20-30 रुपये तक होता है। यानी आपका बजट भी इस बिजनेस के लिए ना नहीं कहेगा।

अब बात करते हैं मुनाफे की. बाजार में एक कड़कनाथ मुर्गे की कीमत लगभग 3,000-4,000 रुपये होती है। इसका मांस 700-1000 रुपये प्रति किलो बिकता है। सर्दियों में मांस की खपत बढ़ने पर कड़कनाथ मुर्गे के मांस की कीमत 1000-1200 रुपये किलो तक पहुंच जाती है। अब अगर मुनाफे के हिसाब पर नजर डालें तो मान लीजिए आपने सरकार से 1000 चूजे 53,000 रुपये में खरीदे। एक मुर्गे में औसतन 3 किग्रा मांस निकला तो सर्दियों के एक मौसम में आप 35 लाख रुपये से ज्‍यादा की कमाई कर सकते हैं। इसके अलावा, इसमें आपको 6 महीने तक के उनके दाने और शेड बनाने पर भी कोई खर्चा नहीं करना है। यानी कम मेहनत और कम निवेश में जबरदस्त मुनाफा मिलेगा।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।
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