Kisan News: जापानी अमरूद की खेती करके कमाएं लाखों, देखें कैसे हो रही मध्यप्रदेश में जापानी अमरूद की खेती

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Japani Amrud ki kheti or iski Properties

Kisan News: जापान में उगाए जाने वाले लाल अमरूद की खेती अब मध्यप्रदेश में भी की जाने लगी है। जापानी अमरूद की खेती करके किसानों लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं। मध्यप्रदेश के खाचरोद जिले में अब अमरूद की खेती की जाने लगी है। जापान के लाल अमरूद को हम रेड डायमंड के नाम से भी जानते हैं। एक तरह का इस अमरुद ही जिसमे बीज नहीं पाया जाता है। यह अमरुद भारत में पाए जाने वाले अमरूदों से अलग है। यहां साइज में बड़ा होता है और अंदर से तरबूज की तरह लाल दिखाई देता है। धीरे-धीरे किसानों की रूचि जापानी अमरूद की तरफ बढ़ती जा रही है। यह पैदावार में भी ज्यादा निकलता है और इस इसकी डिमांड भी ज्यादा है। जिससे कि किसानों को धोबी अच्छे मिल सके।

Kisan News: जापानी अमरूद की खेती करके कमाएं लाखों, देखें कैसे हो रही मध्यप्रदेश में जापानी अमरूद की खेती

Kisan News: इंदौर के एग्रीकल्चर कॉलेज में आयोजित चार दिनी अंतरराष्ट्रीय कृषि मेले में आसपास के राज्यों के किसानों की भी रूचि जागी है। फिलहाल इसकी खेती खाचरोद में हो रही है। यह जापानी अमरुद 2 साल पहले आया था। लेकिन मध्य प्रदेश के खाचरोद में सबसे पहले इसकी खेती हो रही है। और मंडियों में 20 की डिमांड हे। इसकी खेती करने के लिए हमें ग्राफ्टिंग करनी पड़ती है। पिछले 2 सालों में मध्य प्रदेश के खाचरोद में सबसे पहले इसकी शुरुआत हुई और कुछ अन्य जगहों पर धीरे-धीरे किसान इसमें रूचि दिखाने लगे हैं। यह जो जापानी अमरुद है यह 2 साल में उत्पादन देते हैं इसमें बीज कुछ 1 या2 होते हैं।

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जापानी अमरुद की विशेषताएं देखिए

  • इन अमरूदों को उगाने के लिए पौधों की साइज डेढ़ से दो फीट तक रहती है इसके लिए ग्राफ्टिंग प्रोसेस यूज़ की जाती है।
  • 2 साल में इसकी अधिकतम ऊंचाई 7 फीट हो जाती है।
  • जिन स्थानों पर देसी अमरूद की खेती होती है उसी स्थान पर इसकी खेती की जा सकती है इसमें तापमान का कोई प्रावधान नहीं है।
  • इन्हें स्पेशल पैकिंग के तहत 10 किलो के बॉक्स में पैक किया जाता है।
  • इसकी डिमांड दिल्ली, पुणे, मुंबई, बेंगलुरु आदि शहरों में ज्यादा है। इंदौर से अमरुद में ही भेजे जाते हैं।
  • इंदौर की चोइथराम मण्डी में भी अब ये अमरूद उपलब्ध हैं लेकिन अन्य शहरों में डिमांड ज्यादा होने से इंदौर सहित प्रदेश के अन्य शहरों में कम मात्रा में हैं।
  • अमरूद की वर्तमान कीमत 100 से 150 रु प्रति किलो है। जबकि देसी अमरूद की कीमत ₹60 प्रति किलो है।

इंडस्ट्रीज में हो रहा इसका उपयोग

इन अमरुदों को पल्स (दालों) उद्योगों में उपयोग किया जाता है। देशी अमरुद जहां मीठा होता है, उसके मुकाबले यह कम मीठा होकर भी काफी स्वादिष्ट होता है। आमतौर पर इसे अब फाइव स्टार होटल्स, पार्टियों में सलाद के रूप में परोसा जाता है। महानगरों में अब इसका चलन तेजी से बढ़ा है। अभी लोगों की जुबान पर देशी अमरुदों का स्वाद सालों से है। इसके चलते आमजन में इस जापानीज रेड डायमंड अमरूद को अपना स्थान बनाने के लिए थोड़ा समय लगेगा।

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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।
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