Intercropping Farming: अंतरवर्तीय खेती कर कमाएं अच्छा खासा मुनाफा, देखिए इससे क्या होगा फायदा

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इस खेती का मतलब यह होता है कि आप एक ही खेत में दो फसलों को एक साथ और एक ही समय पर उत्पादित कर सकते हो। आज के आधुनिक समय में यह काम और भी आसान हो गया है। क्योंकि अब हमारे पास इन सभी के लिए अत्याधुनिक तकनीकी से युक्त कई तरह की मशीनें उपलब्ध हैं। जिनकी सहायता से हम खेतों को समतल करने का काम, खेतों में खाद डालने का काम, या फिर खेतों में मेड़ बनाने का काम हो, हम सभी को बहुत ही आसानी से पूरा कर लेते हैं। इसलिए अब अंतरवर्तीय खेती को करना और भी आसान हो गया है। भारत जैसे देश में इसकी आवश्यकता कि बात करें तो यह किसानों को सरलता से लाभ पहुंचाने वाली खेती है।

अंतरवर्तीय खेती से आप कर सकते हैं एक साथ दो फसलें, साथ में उठाएं मोटा फायदा

इस महंगाई के दौर में कोई भी काम अगर मुनाफे वाला न हो तो हर किसी के लिए परेशानी ही रहती है। लेकिन अंतरवर्तीय खेती एक ऐसा उपाय है जिससे आप एक साथ दोगुना फायदा उठा सकते हैं।
भारत में किसान कई दशकों से पारंपरिक खेती करते चले आ रहे हैं। भारत में आजादी के बाद वैसे तो कई तरह बदलाव खेती को लेकर होते रहे हैं। जिन बदलावों ने अब और भी गति पकड़ ली है। आज बढ़ती जनसंख्या और महंगाई को देखते हुए सबसे कम मुनाफे में किसान ही रहता है। लेकिन अब हम आपको बतायेंगें कि कैसे किसान भी खेती करके मोटा मुनाफा कमा सकते है।

खेती को करने से पहले सभी किसानों को सबसे पहले फसल चक्र की अच्छी जानकारी होना आवश्यक है। अगर किसान को फसल चक्र की जानकारी नहीं है तो यह बहुत ही ज्यादा नुकसान भी करा सकती है। आपकी सही जानकारी आपको दोगुना फायदा और एक नई और आधुनिक पद्धति के माध्यम में आपको जोड़ सकती है। इस समय कई किसान दलहनी फसलों की खेती कर रहे हैं। आप इन फसलों के साथ कई तरह की अन्य फसलों को करके मोटा मुनाफा कमा सकते हैं।

कितना खर्चा आता है अंतरवर्तीय खेती करने में

इस खेती को करने में किसान को बहुत फायदा ही नहीं होता बल्कि इसकी लागत बिल्कुल न के बराबर होती है। इतनी कम खर्चीली होने के भी इसके अपने कारण हैं। यह इतनी सस्ती और किफायती इसलिए होती है क्योंकि यह आपकी मौसमी फसलों के साथ उत्पादित की जाती है। इसमें पड़ने वाली खाद और पानी उसी के साथ में डाल दिए जाते हैं जो आप आपनी मौसमी फसलों में डाल रहे होते हैं। इसलिए इन फसलों को करने में कोई भी खर्चा नहीं आता है। बस आपको केवल बीज अलग से लेकर आना है।

कौन सी फसलों के साथ कौन सी अन्य फसल करें

आपको खेती करने से पहले फसल चक्र की जानकारी होना इसलिए भी जरुरी है कि आपको यह पता होना चाहिए की आप जो अन्य फसल करने जा रहे हैं वह उस मौसम के अनुकूल है भी या नहीं। यदि वह उसके अनुकूल नहीं है तो फसल के साथ में डाला गया बीज और खाद, पानी सब कुछ बेकार हो जाता है। इस तरह की फसल या तो होती नहीं है और यदि हो भी गयी तो मात्रा और क्वालिटी दोनों पर ही फर्क आ जाता है। हम अंतरवर्तीय खेती के लिए निम्न फसलों को एक साथ उत्पादित कर सकते हैं-

अरहर और सोयाबीन
अरहर और तिल
अरहर और मूंगफली
सोयाबीन और मक्का
मूंगफली और बाजरा

ऐसी ही बहुत सी फसलों को हम हर मौसम में लगा सकते हैं इसके लिए मेड़ की लाइन में एक फसल के बीज और एक अन्य लाइन में दूसरी फसल के बीज डाले जाते हैं। खाद, पानी दोनों के लिए ही समान रहता है।

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