Soil Health Card: किसानों को अच्छी फसल की खेती के लिए उठाना होगा मृदा स्वास्थ्य कार्ड का लाभ, देखें कैसे

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मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत किसानों को जो कार्ड दिया जाता है उसमें खेत की मिट्टी किस प्रकार की है, इसकी जानकारी मिलती है।जिससे किसान अपनी जमीन की मिट्टी की गुणवत्ता के आधार पर अच्छी फसल की खेती कर सकते हैं।

जानें कैसे मिलेगा लाभ

केंद्र सरकार की मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना यानी सॉयल हेल्थ स्कीम की मदद से किसान अपने खेतों की मिट्टी को उपजाऊ और उम्दा बना सकते हैं।इसके बाद अच्छी फसल उगा कर किसान बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं।मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत किसानों को खेत की मिट्टी की गुणवत्ता के आधार पर अनुकूल फसल उगाने में सहायता मिलती है।

क्या है मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना?

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत किसानों को जो कार्ड दिया जाता है उसमें खेत की जमीन की मिट्टी किस प्रकार की है, इसकी जानकारी मिलती है।जिससे किसान अपनी जमीन की मिट्टी की गुणवत्ता के आधार पर फसल लगा सकते हैं और अच्छी खेती कर सकते हैं।सरकार के अनुसार किसानों को उनके खेत की गुणवत्ता के अनुरूप तीन साल में एक बार मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जाता है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का उद्देश्य

मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार फसल उगाने से उत्पादक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने 2015 में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की।जिससे किसानों की आय भी बढ़ेगी और खाद के उपयोग से मिट्टी के आधार और संतुलन को बढ़ावा मिलेगा।इसकी मदद से किसान कम कीमत में अधिक पैदावर कर सकते हैं।इस योजना के अंतर्गत देश के किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच करके मृदा स्वास्थ्य कार्ड देने के साथ खेतों के अनुसार फसल लगाने का सुझाव दिया जाता है।

साथ ही बताया जाता है कि मिट्टी में कितनी-कितनी मात्रा किन-किन चीजों की है।किस फसल के लिए कितना और कौन सा खाद किसानों को खेतों में इस्तेमाल करना होगा।सही मात्रा में उर्वरकों के प्रयोग से खेती की लागत भी कम हो सकती है।

Soil Health Card कैसे काम करता है?

• बसे पहले अधिकारी किसान के खेत की मिट्टी के सैंपल इकट्ठा करते हैं।
• इसके बाद मिट्टी को परीक्षण के लिए लेबोरेटरी यानी लैब में भेजा जाता है।
• जांच टीम मिट्टी के सैंपल की जानकारियां हासिल करके उसकी गुणवत्ता बताते हैं।
• यदि मिट्टी में कुछ कमी है तो उसके सुधार के लिए सुझाव दिए जाते हैं।
• उसके बाद इस रिपोर्ट को किसान के नाम के साथ ऑनलाइन अपलोड किया जाता है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड से दी जाती है ये जानकारी

• मिट्टी की सेहत
• खेत की उत्पादक क्षमता
• पोषक तत्वों की जानकारी
• पानी की मात्रा यानी नमी
• खेतों की गुणवत्ता संबंधित दिशा-निर्देश

कैसे करें आवेदन?

• सबसे पहले योजना की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।
• होम पेज पर दिए गए Login के ऑप्शन पर क्लिक करें।
• नया पेज खुलने पर अपने State को Select करके Continue पर क्लिक करें।
• लॉगिन पेज खुलने पर Registration New User के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
• मांगी गई सभी डिटेल्स भरने के बाद सबमिट के बटन पर क्लिक करना होगा।
• रजिस्ट्रेशन के बाद आईडी और पासवर्ड डाल कर लॉगिन करना होगा।

कैसे डाउनलोड करें मृदा स्वास्थ्य कार्ड?

• ऑफिशियल वेबसाइट के होम पेज पर Farmer Corner में Print Soil Health Card के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
• अपना state सलेक्ट करने के बाद district, villege, farmers name संबंधित मांगी गई जानकारी भरनी होगी।
• डिटेल्स भरने के बाद सर्च के बटन पर क्लिक करके मृदा स्वास्थ्य कार्ड खुलेगा. जिसका आपको प्रिंट लेना होगा।
• फार्मर कॉर्नर के अंतर्गत ही आप ट्रैक your सैंपल पर क्लिक करके जानकारी ले सकते हैं।
• मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सहायता से किसान अपने खेतों की मृदा के बेहतर स्वास्थ्य और उर्वरता में सुधार के लिए पोषक तत्त्वों का उचित मात्रा में उपयोग करने लाभ हासिल कर रहे हैं।


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