किसानों के लिए जरुरी खबर, गेहूं की फसल में सभी खरपतवारों को खत्म करने के लिए अलग अलग दवाईयां देखें

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गेहूं खरपतवार नाशक दवा के नाम: गेंहू की फसल में खरपतवार एक कृषि की एक बहुत बड़ी समस्या है। खरपतवार के कारण फसल को नुकसानी होती है तथा उत्पादन पर असर पड़ता है। एक अनुमान के अनुसार खरपतवार के कारण उत्पादन में 25 – 35 प्रतिशत की कमी आ जाती है। इसलिए खरपतवार का निवारण जरुरी है। इस समस्या को देखते हुये किसान समाधान ने किसानों के लिए खरपतवार के निवारण के लिए दवा की जानकारी लेकर आया है।

गेंहू में मुख्यत: दो तरह की खरपतवार होती है

चौड़ी पत्ती – बथुआ, सेंजी, दूधी, कासनी, जंगली पालक अकरी, जंगली मटर, कृष्णनील, सत्यानाषी हिरनखुरी आदि।

सकरी पत्ती – मोथा, कांस, जंगली जई, चिरैया बाजरा एवं अन्य घासें।

रासायनिक विधि से खरपतवार का नियंत्रण

• खरपतवार जिनमें संकरी एवं चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार के लिए पेण्डीमिथेलीन 1 किलोग्राम / हेक्टयर की दर से बुवाई के तुरंत बाद में छिड़काव करें।

• चौड़ी पत्ती एवं संकरी वाले खरपतवार के लिए सल्फोसल्फूरान5 ग्राम / हेक्टयर की दर से बुवाई के 35 दिन तक में छिड़काव करें।

• जिनकी संकरी एवं चौड़ी पत्तीयां वाले खरपतवार के लिए मेट्रीब्यूजिन 250 ग्राम / हेक्टयर की दर से बुवाई के 35 दिन तक में छिड़काव कर सकते हैं।

• चौड़ी पत्तियां वाले खरपतवार के लिए 2, 4 – डी 0.5 किलोग्राम / हेक्टयर की दर से बुवाई के 35 दिन तक में छिड़काव करें।

• संकर पत्तियां वाले खरपतवार के लिए आइसोप्रोपयूरान 750 ग्राम / हेक्टयर की दर से बुवाई के 20 दिन तक में छिड़काव करें।

• चौड़ी पत्तियां एवं संकरी पत्तियां के लिए आइसोप्रोपयूरान +2, 4 – डी 750 ग्रा +750 ग्रा / हेक्टयर की दर से बुवाई के 35 दिन तक में छिड़काव करें।

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