आरएसएफसीएससी जोधपुर के मैनेजर वसंत चौधरी ने 10 फरवरी को गेहूं उठाव की निविदा आमंत्रित की। 13 मार्च को तकनीकी निविदा खोली, लेकिन दोनों निविदाएं 24 अप्रेल को निरस्त कर दी गई है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जुलाई माह में जिले के 21.19 लाख लाभार्थियों को गेहूं मिलने पर संशय के बादल मंडरा गए हैँ। जिले में टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं होने से खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के अंतर्गत आवंटित गेहूं का भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से उठाव बंद हो गया है।जिले के लाभार्थियों के लिए 1.05 लाख क्विंटल गेहूं का उठाव एक जून से शुरू होना था। लेकिन ठेकेदार नहीं होने से यह शुरू नहीं हो पाया। सरकारी अधिकारी न तो टेंडर प्रक्रिया के जरिए स्थाई ठेकेदार को ठेका दे सके और न ही अस्थाई निविदा आमंत्रित की। ऐसे में अगले महीने यानि जुलाई में जिले की कई दुकानों पर गेहूं नहीं पहुंचेगा।
चहेती फर्म को टेंडर दिया तो डीएसओ ने किया ठेका निरस्त
राजस्थान राज्य खाद्य आपूर्ति निगम (आरएसएफसीएससी) जोधपुर के मैनेजर वसंत चौधरी ने 10 फरवरी को गेहूं उठाव की निविदा आमंत्रित की। 13 मार्च को तकनीकी निविदा खोली, लेकिन दोनों निविदाएं 24 अप्रेल को निरस्त कर दी। एक फर्म ने जयपुर स्थित प्रबंध निदेशक परमेश्वरलाल के समक्ष अपील की। दूसरी फर्म हाईकोर्ट चली गई। चौधरी ने अपील निर्णय पर निविदा कमेटी की बगैर अनुमति एक फर्म की वित्तीय निविदा खोल दी। नियम विरुद्ध निविदा खोलने पर जिला रसद अधिकारी (डीएसओ) प्रथम आकांक्षा बैरवा और डीएसओ द्वितीय अश्विनी गुर्जर ने संपूर्ण निविदा निरस्त कर दिया गया।
3 महीने में भी टेंडर नहीं
एफसीआई से गेहूं उठाकर राशन की दुकानों तक पहुंचाने का वर्तमान ठेका 28 फरवरी को समाप्त हो गया था। टेंडर प्रक्रिया के कारण उसे 3 महीने एक्सटेंशन दी गई, बावजूद इसके सरकारी अधिकारी अब तक टेंडर नहीं कर पाए। नई निविदा आमंत्रित कर अंतिम तिथि 24 मई रखी गई। हाईकोर्ट आदेश से एक निविदा फर्म को मौका देते हुए 31 मई को शामिल किया गया। नई निविदा प्रक्रिया में कम से कम एक पखवाड़ा लगेगा। अंतिम तिथि 30 जून तक एक लाख ङ्क्षक्वटल गेहूं का उठाव संभव नहीं होगा।

