Celery Farming: 15000 रूपए प्रति क्विंटल बिकने वाली यह फसल बना देंगी आपको लखपति, देखें तरीका

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celery Farming: भारत में अजवाइन की खेती महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, बिहार, आंध्रप्रदेश और मध्यप्रदेश में होती है। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ और झालवाड़ा, भीलवाड़ा, कोटा, बूंदी और बांसवाड़ा जिले में सबसे अधिक होती है। इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। बाजार में 15,000 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर बिकती है। अजवाइन सेहत के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है

अजवाइन की खेती: अजवाइन (celery) का इस्तेमाल किचन में खाने की वस्तुओं में मसाले के रूप में होता है। इसका औषधीय महत्व भी काफी है। इसकी बाजार में मांग हमेशा बनी रहती है। यह एक नकदी फसल है। अजवाइन का प्रयोग कई रोगों में घरेलू इलाज के तौर पर किया जाता है। हैजा, कफ, ऐंठन और बदहजमी जैसे तमाम समस्याओं से निपटने में अजवाइन का इस्तेमाल किया जाता है। इसका उपयोग गले में खराबी, आवाज फटने, कान दर्द, चर्म रोग, दमा आदि रोगों की औषधि बनाने के लिए भी किया जाता है। ऐसे में इसकी खेती के जरिए मोटी कमाई कर सकते हैं। आयुर्वेद के जानकारों का मानना है कि अजवाइन का पुरातन काल से आयुर्वेद में अपना एक अलग स्थान रहा है। पुराने समय से ही इसे दवा में भी इस्तेमाल किया जाता है।

अजवाइन की खेती कैसे करें: अजवाइन की खेती पहले अमेरिका, मिस्र, ईरान और अफगानिस्तान में की जाती थी, लेकिन अब भारत में भी इसकी खेती होने लगी है। भारत में अजवाइन की खेती करने वाले प्रमुख राज्यों में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, बिहार, आंध्रप्रदेश तथा मध्यप्रदेश शामिल है। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ और झालवाड़ा जिले में इसकी बड़ी संख्या में खेती की जाती है। इसके साथ ही भीलवाड़ा, कोटा, बूंदी और बांसवाड़ा जिला भी अजवाइन पैदावार के लिए गढ़ माने जाते हैं।

Celery Farming: अजवाइन की खेती करने के लिए अच्छी जल निकासी वाली उपजाऊ मिट्टी को बेहतर मानी जाती है दोमट मिट्टी में इसकी खेती करना चाहिए। अजवाइन की खेती करने के लिए खेत का पीएच मान 6.5 से 8 के बीच का होना चाहिए। अजवाइन की खेती रबी सीजन यानी कि सर्दियों के मौसम में की जाती है। अधिक गर्मी इसके पौधे के लिए अच्छी नहीं होती है अजवाइन की खेती में सिंचाई की कम आवश्यकता पड़ती है। इसलिए इसकी खेती रबी सीजन में की जाती है।

अजवाइन की खेती: भारत में इसकी बुवाई करने का सही समय अगस्त से सितंबर के बीच का है। पौधों में लगे अजवाइन के दानों को पकने के लिए 30 डिग्री तक के तापमान की आवश्यकता होती है। अजवाइन की किस्मों के अनुसार प्रति एकड़ औसतन 10 क्विंटल तक का उत्पादन मिल सकता है। अजवाइन का बाजार में भाव 12,000 रुपये से लेकर 20000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच जाता है। इससे आप एक एकड़ के खेत में अजवाइन की फसल की खेती करके 2.25 लाख रुपये तक आसानी से कमा सकते हैं।

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