नमस्कार किसान साथियों गेहूं का सीजन चल रहा है और काफी काफी क्षेत्रो में बहुत से किसान भाइयो की फसल पीली पड़नी शुरू हो गयी है आइये जानते है ऐसा किस कारण से होता है और इसा क्या उपाय है|साथियों ज्यादातर फसलों में पीलापन नाइट्रोजन की कमी के कारण आता है। दोस्तों इस पीलेपन का इलाज हम 50 kg यूरिया की जगह मात्र 2 kg यूरिया से कर सकते है और अपनी फसल में नाइट्रोजन की पूर्ति कर सकते है। जिससे हमारी लागत भी कम आएगी और यूरिया की भी बचत होगी
दोस्तों फसलों में यूरिया का काम फसलों को नाइट्रोजन उपलब्ध करवाना होता है जिससे पोधे का विकास होता है और पौधे अच्छी बढवार लेते है इसके साथ ही पौधों में क्लोरोफिल की मात्र भी बढती है । यदि आप भी बहुत ही कम खर्चगेहूं मे पीलापन में अपनी फसल में नाइट्रोजन की पूर्ति करना चाहते है तो आप यूरिया की स्प्रे कर सकते है।
गेहूं मे पीलापन को दूर करने के लिए स्प्रे में आपको क्या क्या मिक्स करना होगा
अपनी फसल में पीलेपन को मिटाने के लिए आपको स्प्रे में क्या क्या मिक्स करना होगा लेकिन इससे पहले ये भी बता दे की कई बार खेतो में अधिक पानी भर जाने की वजह से भी फसले पीलेपन की शिकार हो जाती है। पानी भरा रहने से गेहूं की फसल में नाइट्रोजन की कमी आ जाती है इस नाइट्रोजन की पूर्ति को हम 40-50 kg यूरिया न डालकर बहुत ही कम खर्च में फसलों में नाइट्रोजन की पूर्ति कर सकते है। दोस्तों फसल में नाइट्रोजन की स्प्रे का रिजल्ट बहुत ही अच्छा आटा है।
स्प्रे करने के लिए हमें 2kg यूरिया लेनी है और पानी की मात्रा 120 लीटर प्रति एकड़ रखनी है। यह स्प्रे करने के दौरान khet में नमी का होना बहुत आवश्यक है \ साथियों यदि आप साथ में जिंक मिलकर स्प्रे करना चाहते है तो 21 % वाली जिंक उपयोग में ले सकते है। जिंक की मात्रा आपको 500 ग्राम रखनी है और पानी की मात्रा वही 120 लीटर प्रति एकड़ रखनी है। यदि आप 21 % वाली जिंक का उपयोग नहीं करना चाहते तो आप 12% वाली जिलेटेड जिंक का उपयोग कर सकते है इसकी मात्रा आपको 100ग्राम प्रति एकड़ रखनी है।
गेहूं मे पीलापन कैसे दूर करें- दूसरा उपाय
इसके आलावा दोस्तों आप बाजार में उपलब्ध लिक्विड (तरल) जिंक का उपयोग भी कर सकते है जिसमे पोषक तत्व ज्यादा मात्रा में होते है और इसका रिजल्ट भी फसलों पर काफी अच्छा देखने को मिलता है। दोस्तों यूरिया के छिडकाव के बाद यदि आपके खेत में नाइट्रोजन की कमी आती है तो आप इस स्प्रे के माध्यम से नाइट्रोजन की पूर्ति को रिकवर कर सकते है।
दोस्तों गेहूं की फसल में ज्यादा पानी भर जाने से उसकी जेड ऑक्सीजन नहीं ले पाती और जमीन के अन्दर नाइट्रोजन की कमी आ जाती है और नाइट्रोजन की कमी से गेहूं की पुरानी पत्तियाँ नोकों से पीली होने लगती है और आखिर तक पीली हो जाती है और ऊपर की नै पत्तिय हारी दिखती है तो इसका मतलब है कि आपके खेतमें नाइट्रोजन की कमी होना शुरू हो चुकी है।

