Dhaniya Farming: धनिया की खेती कर कम लागत में कमाएं अधिक मुनाफा, देखिए खेती करने का सबसे अच्छा तरीका

3 Min Read
खबर शेयर करें

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के किसान ने सिर्फ धनिया की खेती कर अपनी किस्मत बदल ली। वह अपने 2 एकड़ के खेत में लगभग 20 कुंतल धनिया की पैदावार करते हैं।भारत में धनिया की खेती बड़े स्तर पर की जाती है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के किसान भी धनिया की खेती कर काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। आज उनकी पैदावार को विदेशों तक निर्यात किया जा रहा है, जिससे देश के आर्थिक हालात भी अच्छे हो रहे हैं।

हरदोई के किसान रामसागर बताते हैं कि उन्होंने अपने 2 एकड़ के खेत में धनिया की खेती शुरु की और आज वह हर साल 2 से 3 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं। वह हरी धनिया के साथ-साथ सूखी बीज के धनिया की भी पैदावार कर रहे हैं।‌वह प्रति हेक्टेयर के खेत में लगभग 20 से 25 कुंतल धनिया का उत्पादन कर रहे हैं।

कैसे करते हैं कीटो से बचाव

धनिया के पौधे काफी मुलायम होते हैं। इनका खास ध्यान रखना होता है। पौधों में फफूंद और कीट लगने का डर काफी ज्यादा रहता है। रामसागर ने इसके लिए जिले के कृषि विभाग से संपर्क किया और वहां से खेती के तरीके के बारे में जानकारी हासिल की। कीटों से उपचार के लिए इंडोफिल एम 45 को 2 से 3 लीटर के पानी में मिलाकर खेतों में छिड़काव कर सकते हैं।‌ध्यान रखें इसकी ज्यादा मात्रा धनिया के पौधों को जला सकती है।

धनिया की खेती के लिए शुष्क व ठंडा मौसम अच्छा होता है। इसके बीजों का अंकुरण 25 से 30 डिग्री तक का तापमान फायदेमंद रहता है। यह एक शीतोष्ण जलवायु की फसल है और इसके विकास के लिए ठंडे और नमी के मौसम की आवश्यकता होती है। धनिया एक रबी मौसम की फसल है। इसे बोने का सही समय अक्टूबर से नवम्बर महीने के बीच का होता है और दिसम्बर का महीना आते-आते इसकी कटाई शुरु हो जाती है।

लोगों को मिल रहा रोजगार

रामसागर बताते हैं कि उनके इस सफलता से आस-पास के लोग भी प्रभावित हुए हैं और वह भी धनिया की खेती करना शुरु कर रहे हैं। इसके ट्रांसपोर्ट के लिए श्रम की जरुरत होती है, जिस कारण गांव में रोजगार के साधन भी बढ़ रहे हैं।


खबर शेयर करें
Share This Article
By Harry
Follow:
नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।