Cotton Rates: देश में लगातार बढ़ रही कॉटन की सप्लाई, देखिए इससे भाव पर क्या पड़ेगा असर

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गुजरात में कॉटन का उत्पादन 94 लाख बेल्स रह सकता है जबकि महाराष्ट्र में 78 लाख बेल्स, तेलंगाना में 38 लाख बेल्स, राजस्थान में 27 लाख बेल्स,कर्नाटक में 20 लाख बेल्स, मध्यप्रदेश में 19 लाख बेल्स, आंध्रप्रदेश में 11.5 लाख बेल्स और हरियाणा में 11 लाख बेल्स उत्पादन अनुमान रखा है

मार्च में देश में कॉटन की आवक बढ़ी है। कॉटन का आवक 3 सालों की ऊंचाई पर पहुंची हैं। 1-18 मार्च के बीच कॉटन का आवक 2.43 लाख टन पहुंच गया है। अच्छी क्वालिटी के कॉटन की आवक बढ़ी है। मंडियों में 1.6-1.8 लाख बेल्स की सप्लाई बढ़ी है। वहीं आवक बढ़ने से कीमतों में स्थिरता आई है। कॉटन का भाव 60000-62000 रुपये प्रति कैंडी पर बने हुए हैं। हाल ही में CAI ने उत्पादन अनुमान घटाया है। CAI ने उत्पादन अनुमान घटाकर 313 लाख टन किया है।

देश में कॉटन के भाव पर नजर डालें तो पिछले हफ्ते कॉटन का भाव 77,498 रुपये प्रति टन था जबकि पिछले साल कॉटन का भाव 49,573 रुपये प्रति टन था। CAI का कहना है कि गुजरात में कॉटन का उत्पादन 94 लाख बेल्स रह सकता है जबकि महाराष्ट्र में 78 लाख बेल्स, तेलंगाना में 38 लाख बेल्स, राजस्थान में 27 लाख बेल्स, कर्नाटक में 20 लाख बेल्स, मध्यप्रदेश में 19 लाख बेल्स, आंध्रप्रदेश में 11.5 लाख बेल्स और हरियाणा में 11 लाख बेल्स उत्पादन अनुमान रखा है।बता दें कि फरवरी में 6 लाख बेल्स कॉटन इंपोर्ट किया गया था जबकि फरवरी में 8 लाख बेल्स कॉटन एक्सपोर्ट किया गया था।

CAI का अनुमान है कि कॉटन का उत्पादन तेलंगाना में 3 लाख बेल्स, महाराष्ट्र में 2 लाख बेल्स, हरियाणा में 1 लाख बेल्स, कर्नाटक में 1 लाख बेल्स, पंजाब में 50000 बेल्स और तमिलनाडू में 50,000 बेल्स तक गिर सकता है।

CAI के प्रेसिडेंट अतुल गनात्रा का कहना है कि बाजार में आवाक का पैटर्न बदल गया है। फरवरी तक 75 फीसदी कॉटन के फसल की आवक आ जाती थी। लेकिन इस बार फरवरी तक 50 फीसदी आवक ही आई थी। अतुल गनात्रा ने आगे कहा कि इस साल कॉटन की आवक अच्छी बनी रहने की उम्मीद है। किसान घरों से कॉटन को निकाल रहे हैं। कॉटन की कीमतें 60,000 रुपये प्रति कैंडी के आसपास बने रहने की उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा कि मिलों के लिए कॉटन की खरीदारी करने का अच्छा मौका बना है।


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