भारत में बढ़ी कॉटन की आवक, क्या आगे कीमतों में आएगी गिरावट, जानिए विशेषज्ञ कि राय

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Cotton : इंटरनेशनल कॉटन एडवाइजरी कमिटी के अनुसार ज्यादा कीमत के लिए सप्लाई घटाई है। सप्लाई घटने से कॉटन के दाम चढ़े है। सप्लाई घटने से दिसंबर में दाम चढ़े है। दिसंबर में कॉटन का दाम 68500/कैंडी तक पहुंचे है। सप्लाई बढ़ने से कॉटन की कीमतों में गिरावट आई है

इंटरनेशनल कॉटन एडवाइजरी कमिटी (ICAC) के मुताबिक भारत में

कॉटन की आवक बढ़ी है। आवक बढ़ने से कॉटन के दाम गिर सकते हैं।

ICAC ने कहा है कि किसान धीरे-धीरे सप्लाई कर रहे थे। इंटरनेशनल

कॉटन एडवाइजरी कमिटी के अनुसार ज्यादा कीमत के लिए सप्लाई घटाई

है। सप्लाई घटने से कॉटन के दाम चढ़े है । सप्लाई घटने से दिसंबर में दाम

चढ़े है। दिसंबर में कॉटन का दाम 68500 / कैंडी तक पहुंचे है। सप्लाई

बढ़ने से कॉटन की कीमतों में गिरावट आई है।

इंटरनेशनल कॉटन एडवाइजरी कमिटी के मुताबिक मई में 61800/ कैंडी तक दाम गिरे है । ICAC का अनुमान है कि कॉटन का ग्लोबल प्राइ अनुमान घटाया है। कॉटन के दाम 96.1 से 111.3 सेंट/पाउंड रह सकते हैं जबकि दिसंबर 2022 में 115 सेंट का अनुमान था।

अक्टूबर 2022 से मार्च 2023 तक कॉटन के सप्लाई के आंकड़ों पर नजर डालें तो ओपनिंग स्टॉक 31.89 लाख बेल्स रही है जबकि घरेलू आवक के लिए 190.63 लाख बेल्स कॉटन सप्लाई किया गया है। वहीं 6.50 लाख बेल्स कॉटन का इंपोर्ट किया गया है। बता दें कि USDA का अनुमान है कि इस साल कॉटन का उत्पादन 314 लाख बेल्स हो सकती है जबकि CAI 313 लाख बेल्स और भारत सरकार ने 337 लाख बेल्स कॉटन उत्पादन का अनुमान लगाया है।


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नमस्ते! मैं कपिल पाटीदार हूँ। सात साल से मैंने खेती बाड़ी के क्षेत्र में अपनी मेहनत और अनुभव से जगह बनाई है। मेरे लेखों के माध्यम से, मैं खेती से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, विशेषज्ञ नुस्खों, और अनुभवों को साझा करता हूँ। मेरा लक्ष्य है किसान समुदाय को सही दिशा में ले जाना और उन्हें बेहतर उत्पादकता के रास्ते सिखाना।