Colored Capsicum Farming: पॉलीहाउस के अंदर रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की खेती करने से फसल जानवरों, आंधी-बारिश जैसी समस्याओं से बची रहती है.
Capsicum Farming: आपने हरी शिमला मिर्च तो बहुत देखी और खाई होगी. लेकिन क्या आपने लाल-पीली शिमला मिर्च देखी है? शिमला मिर्च का इस्तेमाल देश के हर घर में होता है. साथ ही इसकी खेती भी देश में की जाती है. अगर आप किसान हैं और हरी शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं तो अब आपको लाल-पीली व अन्य रंग की शिमला मिर्च की खेती करना शुरू करना चाहिए. इस खेती से आपको लाभ ही लाभ होगा.
देश के हर हर घर में शिमला मिर्च का उपयोग किया जाता है. इसमें कई विटामिन होते हैं, जो सेहत के लिए बेहद लाभदायक होते हैं. शिमला मिर्च में फाइबर भी भरपूर मात्रा में होती है. इसकी मांग बाजार में भी काफी ज्यादा रहती है. शादी-ब्याह के कार्यक्रमों से लेकर सेवन स्टार होटल तक शिमला मिर्च का बड़ी मात्रा में इस्तेमाल होता है.
दो महीने में तैयार हो जाती है फसल
आम शिमला मिर्च का बाजार में भाव करीब 50 रुपये किलो होता है. जबकि रंग-बिरंगी शिमला मिर्च बाजार में हरी शिमला मिर्च के मुकाबले काफी ज्यादा कीमत में बिकती हैं. इन शिमला मिर्च का बाजार में भाव 150 से लेकर 200 रुपये तक होता है. इसकी खेती करने के लिए सबसे पहले नर्सरी तैयार की जाती है. करीब एक माह के अंदर नर्सरी में पौधे तैयार हो जाते हैं. फिर पांच बार खेत की जुताई की जाती है. इसके बाद जमीन को समतल किया जाता है और दो-दो फीट अंतर पर शिमला मिर्च की पौध लगा दी जाती है. शिमला मिर्च के खेत में पानी निकासी के लिए बेहतर प्रबंध होना जरूरी है. दो माह में फसल तैयार हो जाती है.
लाखों रुपये होगी कमाई
इसके अलावा आप पॉली हाउस के अंदर शिमला मिर्च की खेती करते हैं तो अच्छी बात है. पॉली हाउस के अंदर खेती करने से वह तेज आंधी और बारिश से बच जाती है. करीब 1 एकड़ में शिमला मिर्च की खेती करने पर 15 हजार किलो की पैदावार मिलती है. जिसे बेचकर किसान लाखों रुपये कमा सकते हैं.

