गाय की 3 शानदार नस्ल : दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए इन नस्लों की गाय का करें पशुपालन

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पशुपालक किसानों को होगा मुनाफा, कमा पाएंगे लाखों रुपए सालाना

हमारा देश दुधारू पशुधन के मामले में दुनिया का नंबर 1 देश है, लेकिन इसके  बावजूद दुग्ध उत्पादन में भारतीय किसानों के मुकाबले विदेशी किसान काफी आगे हैं। इसका बड़ा कारण है, पशुपालन को लेकर भारत के किसानों में प्रशिक्षण का अभाव। दूध का व्यवसाय भारत का तेजी से फलता-फूलता व्यापार बनता जा रहा है। लोगों की जरूरतों के हिसाब से दूध का उत्पादन कम हो पा रहा है। इसलिए जरूरतों को देखते हुए भारत के ज्यादातर किसान पशुपालन और दूध उत्पादन में रुचि ले रहे हैं। दुग्ध उत्पादन को ज्यादा फायदे का सौदा बनाने के लिए जरूरी है कि किसान, गाय के सही नस्ल का चुनाव करें। अच्छी देखभाल के साथ जब किसान सही नस्ल का चुनाव करते हैं, तभी गोपालन में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। ग्रामीण इलाकों में आज भी लाखों लोग ऐसी नस्ल के गाय का पालन करते हैं जो कम दूध देती है।

1. गिर गाय

भारत के सबसे दुधारू गायों की लिस्ट में गिर गाय पहले नंबर पर आती है। गिर गाय देश के बहुत सारे पशुपालक किसानों की सफलता का एक बड़ा राज है। गुजरात के गिर जंगल में पाई जाने वाली ये गाय पूरे भारत में पाली जाती है। इजरायल और ब्राजील जैसे देशों में भी गिर गाय की नस्लें पाली जाती है। गिर गाय किसानों को रोजाना 50 से 80 लीटर तक दूध दे सकती है। अगर औसत उत्पादन की बात करें तो गिर गाय 65 लीटर प्रति दिन तक उत्पादन दे सकती है। हालांकि गिर गाय के दूध उत्पादन की क्षमता किसान की कुशलता, गिर गाय को दिए जाने वाले चारे और अच्छी देखभाल पर निर्भर करती है। गिर गाय की लोकप्रियता इतनी है कि ब्राजील और इजरायल की सरकार भी अपने देश के लिए गिर गाय ले जा चुके हैं। गिर गाय के दूध के भी काफी औषधीय उपयोग हैं। सामान्य गाय की अपेक्षा गिर गाय ज्यादा और उच्च गुणवत्ता का दूध प्रदान करती है। गिर गाय का दूध कोलेस्ट्रॉल का बढ़ जाना, मानसिक रोगों, बेहोशी जैसे लक्षण के इलाज में कारगर है। गिर गाय के दूध के फायदे की बात करें तो यह अनेक खनिज, पोषक तत्वों से भरपूर दूध होता है। सामान्य गायों की अपेक्षा गिर गाय का दूध मार्केट में ज्यादा दाम में बिकते हैं। अगर कमाई की बात करें तो अगर इस गाय से हर महीने 1000 लीटर दूध का उत्पादन करते हैं तो 60 रुपए लीटर के रेट से 60000 रुपए की कमाई हो सकती है। लागत और श्रम को हटा दें तो गिर गाय से लगभग 20 से 30 हजार रुपए की आमदनी एक महीने में हो सकती है।

2. लाल सिंधी गाय

सिंध इलाके में पाई जाने वाली लाल सिंधी गाय दूध उत्पादन के मामले में काफी अच्छी गाय में से एक है। पंजाब, हरियाणा, केरल,ओडिशा, तमिलनाडू, कर्नाटक आदि राज्यों में सिंधी गाय से दूध का उत्पादन किया जाता है। लाल सिंधी गाय से रोजाना औसतन 20 से 30 लीटर दूध का उत्पादन किया जा सकता है। हालांकि कई बार अच्छे ख्याल रखने की वजह से लाल सिंधी गाय से दूध का उत्पादन बढ़ कर 50 लीटर तक भी हो जाता है। दूध उत्पादन की क्षमता में ये दूसरी सबसे अच्छी गाय है जो किसानों के मुनाफे को काफी बढ़ा सकती है। इस गाय की बड़ी खासियत ये भी है कि ये एक मीडियम साइज की गाय है। जिसका वजन 350 से 400 किलो तक होता हुए। लाल सिंधी गाय की कई क्रॉस ब्रीड भी मौजूद है जैसे होलेस्टीन फ्रीजियन, जर्सी आदि। लाल सिंधी गाय से अगर कमाई की बात करें तो सामान्यतः अच्छी देखभाल से ये गाय रोजाना 20 लीटर दूध का उत्पादन करती है। इस तरह अगर महीने का 600 लीटर दूध भी उत्पादित करती है तो 36000 रुपए महीने की कमाई की जा सकती है। शुद्ध मुनाफे की बात करें तो 36000 का आधा यानी 18000 रुपए लागत और श्रम के तौर पर कम भी कर दिया जाए तो 18000 रुपए प्रति महीने की कमाई की जा सकती है

3. साहीवाल गाय

हरियाणा, यूपी, एमपी में साहीवाल गाय काफी ज्यादा पाली जाती हैं। इसका दूध उत्पादन की क्षमता 12 से 20 लीटर सामान्यतः है, लेकिन अगर इस गाय का ध्यान रखा जाए और अच्छी देखभाल की जाए तो 30 से 40 लीटर दूध होने की भी संभावना रहती है। डेयरी उत्पादक इस गाय को दूध को काफी पसंद करते हैं क्योंकि ये दूसरी गायों की अपेक्षा ज्यादा फैट वाली दूध देती है। इस गाय के दूध से दही बना कर, पनीर और घी बना कर बेचना काफी लाभप्रद होता है। साहीवाल गाय जेबू कैटल का एक ब्रीड है। गाय मध्यम साइज की होती है। वजन 400 से 500 किलो होता है। इस गाय के दूध में लगभग 5% फैट की मात्रा होती है, जिससे इस दूध की मांग मार्केट में अच्छी-खासी होती है। इस गाय से होने वाली कमाई की बात करें तो साहीवाल गाय से सामान्यतः 15 लीटर दूध भी रोजाना आए तो महीने में 450 लीटर दूध का उत्पादन हो पाएगा। 27000 रुपए की मासिक आमदनी हो पाएगी। अगर 15000 रुपए तक लागत और श्रम को कम कर दें तो 12000 रुपए प्रति महीना का शुद्ध मुनाफा कमाया जा सकता है।


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