बारिश के मौसम में करें , इन 5 फसलों की खेती और पाएं भरपूर मुनाफा

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बारिश के मौसम में उगाई जाने वाली फसलों के बारे में जानिए

बारिश का मौसम जारी है ऐसे में किसान भाई कौन सी फसलों की खेती करें जिनसे कम लागत में भरपूर मुनाफा प्राप्त हो इस बारे में मीडिया वन के द्वारा जानिए। अब देखा जाए तो जिन किसानों के खेत में तालाब या कुएं हैं वह बारिश के मौसम में जल संग्रहण करके लाभ ले सकते हैं। बारिश के मौसम में कई प्रकार की फसलों और पाएं दोगुना लाभ। बारिश के इस मौसम में कई प्रकार के फलों वाले पौधे भी लगा सकते हैं जैसे कि अंगूर, अनार, अमरूद, आंवला, नींबू, कटहल और लीची। हम उन पांच फसलों के बारे में जानेंगे जिससे कि किसान भाई कम लागत में बेहतर मुनाफा प्राप्त कर सकें। वह पांच फसल इस प्रकार है…

(1) जामुन

बारिश के मौसम में जामुन की कीमत भी अच्छी होती है। बारिश में जामुन के पौधों का रोपण किया जा सकता है। जामुन का बगीचा लगाने के लिए जून से अगस्त तक का समय काफी अच्छा होता हैं क्योंकि इस मौसम में बाजार में जामुन की अच्छी कीमत होती है। जामुन के बगीचे के लिए उपयुक्त भूमि अच्छी जल निकास वाली दोमट मिट्टी होना चाहिए। जामुन की खेती कठोर और रेतीली भूमि पर नहीं करना चाहिए। जामुन की खेती के लिए जलवायु की बात करें तो ठंडे प्रदेशों को छोड़कर जामुन को कहीं भी लगाया जा सकता है। बारिश के मौसम में जामुन के पौधे की रोपाई की जा सकती है। जामुन के पेड़ पर लगभग 8 साल पूरे होने के बाद फल लगते हैं। जामुन की बागवानी में एक हेक्टेयर में लगभग 250 पौधे लगाए जा सकते हैं और इसके 1 पौधे से लगभग 80 से 90 किलो फल प्राप्त होते हैं।

(2) अनार

बारिश के मौसम में अनार लगाना एक अच्छा विकल्प है। अनार की रोपाई के लिए बारिश का मौसम अच्छा माना जाता है। अनार की बागवानी में भूमि गहरी बलुई होना चाहिए। अनार की खेती क्षारीय भूमि और लवणीय पानी से सिंचाई करके भी की जा सकती है। अनार के लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली अच्छी मानी जाती हैं। स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है क्योंकि अनार को कच्चा भी खाया जा सकता है साथ ही इसका जूस भी किया जा सकता है। दोनों ही रूप में अनार सेहत के लिए फायदेमंद होता है। अनार के पौधे से लगभग 120 से 130 दिन के बाद फलों को तोड़ा जा सकता है।

(3) सिंघाडा

बारिश के मौसम में सिंघाड़े की खेती एक ऐसी खेती है जिसको किसान भाई खेत में तालाब बनाकर भी कर सकते हैं। जिन किसान भाइयों के खेत में तालाब हैं, उनको इस फसल की खेती से अच्छा मुनाफा प्राप्त हो सकता है। सिंघाड़े की खेती में लागत कम लगती है साथ ही बारिश का मौसम सिंघाड़े की खेती के लिए उचित मौसम होता है क्योंकि सिंघाड़े की फसल को पानी की आवश्यकता होती है जो कि बारिश के मौसम से पूर्ण हो सकती है। मानसून की बारिश प्रारंभ होने की साथ ही सिंघाड़े की बुवाई भी प्रारंभ हो जाती है। सामान्य रूप से सिंघाड़े की बुवाई के लिए छोटे तालाब या पोखर की आवश्यकता होती है किंतु सिंघाड़े के बीज को खेतों में गड्ढा बनाकर भी बोया जा सकता है। जून और जुलाई के माह में सिंघाड़े की बुवाई की जाती है तथा दिसंबर तक सिंघाड़े की फसल से काफी अच्छा मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है। क्योंकि बाजार में सिंघाड़े का अच्छा भाव मिल जाता है, साथ ही सिंघाड़े के आटे को भी बेचा जा सकता है। सिंघाड़े के पौधे को नर्सरी से भी ला सकते हैं।

(4) मशरूम

बारिश के मौसम में भिन्न-भिन्न जगह पर छतरी के समान आकृति के पौधे को मशरूम कहते हैं। इन मशरूम को बच्चे सांप की छतरी भी कहते हैं। मशरूम की कुछ प्रजातियां जहरीली होती हैं जिसके कारण वे खाने योग्य नहीं होतीं, जबकि मशरूम की कुछ प्रजातियां खाने के काम आती हैं जैसे दूधिया मशरूम और बटन मशरूम आदि। मशरूम की खेती करके भी अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि बारिश के मौसम में मशरूम तेजी से उगता है। मशरूम की खेती के लिए बड़े स्थान की आवश्यकता नहीं होती है, इसे छोटी जगह पर भी उगाया जा सकता है। खेती के लिए तापमान 15 डिग्री से 22 डिग्री तक होना चाहिए। मशरूम का बाजार भाव लगभग प्रति किलो 250 से ₹300 तक होता है। मशरूम को सब्जी के रूप में खाने के अलावा इसको बॉडीबिल्डिंग के पाउडर के रूप में भी उपयोग किया जाता है। मशरूम की खेती से लगभग ₹50,000 से ₹100,000 तक का मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है।

(5) कमल ककड़ी

कमल के पौधे के तने को कमल ककड़ी कहते हैं। हमारे देश में कमल ककड़ी की सब्जी बनाई जाती है, इसके साथ ही कमल ककड़ी का अचार भी बनाया जा सकता है क्योंकि कमल ककड़ी में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। इसकी खेती वर्ष भर में 3 बार की जा सकती है। क्योंकि इसकी खेती बारिश के मौसम में सरलता पूर्वक की जा सकती है इसलिए बारिश के मौसम में कमल ककड़ी से भी अच्छा मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है। कमल ककड़ी में भी अधिक पानी की आवश्यकता होती है इसलिए इसकी खेती बारिश के मौसम में ज्यादा लाभदायक होती है। किसान भाई अपने खेत में ताला बनाकर इसकी खेती कर सकते हैं। कमल ककड़ी का उत्पादन लगभग प्रति एकड़ में 50 से 60 क्विंटल तक हो जाता है।

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