बकायन पेड़ की खेती से होंगा अच्छा मुनाफा, वैज्ञानिकों का दावा-मोतियाबिंद व अन्य गंभीर बीमारियों का इलाज संभव

खबर शेयर करें

बकायन की खेती:धीरे-धीरे केमिकल सहित वस्तुओं को छोड़कर आयुर्वेद की ओर बढ़ रहे हैं। आयुर्वेदिक चीजों की मांग को देखते हुए औषधीय पौधों की खेती भी बढ़ रही है। कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए किसान औषधीय पौधों की खेती की ओर बढ़ रहे हैं। किसान बकायन नाम के औषधीय पेड़ की खेती करके भी बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं। इस पेड़ के इस्तेमाल से कई सारी बीमारियों से राहत मिलती है। मुंह के छाले से लेकर मोतियाबिंद तक की बीमारी से भी निपटने में इस पौधे की छाल और पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है।

पहले नर्सरी मे तैयार करे

बकायन की खेती के लिए पहले पौधे को नर्सरी में तैयार करें।बकायन का पेड़ 0-47 डिग्री सेल्सियस तापमान में अच्छी तरह विकास करता है।बकायन की नर्सरी मई-जून में लगाते हैं।पेड़ से पके हुए बीज इकट्ठा करके छिल्का उतारें, फिर पानी से साफ करें. उसके बाद 3-7 दिनों तक छांव में सुखाएं।10 मीटर लंबे, 1 मीटर चौड़े और 15 सेंमी ऊंचे बेड बना कर इस बेड पर निश्चित दूरी पर बीजों की बुवाई कर दे। 10 से 12 दिनों में बेड पर अंकुरण हो जाएगा।तकरीबन 50 दिनों तक बीज से उगे पौधे को बेड पर ही रहने दें।

उपयुक्त मिट्टी

बकायन की खेती के लिए रेतीली दोमट मिट्टी उपयुक्त है।
इसकी नर्सरी लगाने से पहले खेत की 2-3 बार अच्छी तरह जुताई कर खेत को समतल करना चाहिए।बकायन के पौधे को कम पानी की जरूरत होती है, पहली बारिश, मौसम और मिट्टी में नमी के अनुसार इसकी सिंचाई करनी चाहिए।

बुआई का समय

बकायन पौधे बुआई का समय जुलाई-अगस्त होता है। पौधे का रोपण, पौधे के रोपण के लिए ब्लॉक रोपण के लिए 3 x 3 m या 5 x 5 m के अंतर पर लगाए। जिस खेत में बकायन का पौधा लगाएं वहां अच्छी जलनिकासी की जरूरत होनी चाहिए।

बकायन के पेड़ से होगा अच्छा मुनाफा

बकायन का पेड़ 20 साल तक जिंदा रहता है। इसके बीज और पत्तियों का इस्तेमाल कई बीमारियों को सही करने में किया जाता है।वहीं, इसकी लकड़ियों का इस्तेमाल फर्नीचर बनाने में होता है इसकी बाजार में बहुत मांग रहती है बाजार में अधिक मांग के कारण इसकी कीमत भी अच्छी रहती है ।इसकी खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकता है।


खबर शेयर करें