अश्वगंधा की खेती: अश्वगंधा में जड़ से लेकर पत्ती तक सब बिक जाएगा, ऐसे करेगी अश्वगंधा की खेती आपको मालामाल

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किसानों को मालामाल कर देगी अश्वगंधा की खेती, पत्ती से लेकर जड़ तक सब बिक जाएगा अगर आप भी किसान है और परमपरागत खेती छोड़ अधिक मुनाफा पाने के लिए अच्छे मुनाफे वाली फसल बोना चाहते है तो आज हम आपको बताने जा रहे है अश्वगंधा के बारे में, जिससे किसानों का मुनाफा ही मुनाफा है।आज हम जानेंगे कि अश्वगंधा की खेती कैसे होती है और इसकी खेती से किसानों को क्या लाभ मिलते है।

अश्वगंधा की खेती को कैश क्रॉप भी कहा जाता है, जिसका मतलब अधिक पैसा देने वाली फसल क्योंकि इससे किसानों को मोटा मुनाफा होता है. इसी वजह से आजकल सरकार भी अश्वगंधा की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. अश्वगंधा में कई औषधीय गुणों का भंडार है। जो हमारी इम्युनिटी बढ़ाने में सहायता करता है और हमें सेहतमंद रखता है।आपको बता दे की अवश्वगंधा से कई तरह की दवाइयां बनाई जाती हैं। अश्वगंधा का उपयोग यौन रोगों और पुरुषों की शारीरिक ताकत को बढ़ाने में भी किया जाता है। इसके सेवन से तनाव और चिंता की समस्या से मुक्ति मिलती है। इससे हमारा नर्वस सिस्टम ताकवर होता है।

अगर आप एक हेक्टेयर में अश्वगंधा की खेती करते है तो आपको इसके लिए लगभग 40 से 50 हजार रुपये तक की लागत आती है। एक हेक्टेयर में आपको लगभग 800-1000 किलो तक अश्वगंधा की पैदावार मिलती है। अगर इसमें 50 हजार की लागत निकाल दी जाए तो फिर भी आपको 1 लाख रुपये का मुनाफा आसानी से कमा सकते है।

अश्वगंधा की खेती से किसानों को 3 से 4 गुना मुनाफा होता है

आपको बता दे की इसकी पत्तियों के साथ साथ इसके जड़ें भी बिकती है। इसकी जड़ों के दाम 150 से 200 रुपये प्रति किलो के बीच हो सकते हैं। इतना ही नहीं आप इसके सूखे हुए पौधे को बेच कर भी कमाई कर सकते हैं। इसका पौधा 15 से 20 रुपये प्रति किलो के भाव से बिकता है। इस तरह अश्वगंधा की खेती से किसानों को 3 से 4 गुना मुनाफा देती है।

अश्वगंधा की खेती के लिए सही समय

आपको बता दे की अश्वगंधा की खेती साल में दो बार की जाती है। आप जिसकी बुवाई पहली बार फरवरी-मार्च और दूसरी बात अगस्त-सितंबर के महीने में कर सकते है। यह फसल 4-5 महीने में तैयार हो जाती है।‌ इसकी खेती से पहले खेत में भरपूर मात्रा में गोबर की खाद जरूर डालें। इस पौधे में कभी रोग नहीं लगते है। इससे पौधे में न्यूट्रिशन की कमी नहीं होगी और अश्वगंधा की जड़ें मोटी होंगी।


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