100 करोड़ से बन रहा फ्रूट प्रोसेसिंग प्लांट, रोजाना 27 टन एप्पल जूस का उत्पादन

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Apple Juice Processing Plant in Shimla: उत्पादन शुरू होने से एक ओर जहां हिमाचल के सेब बागवानों और यहां के आसपास के लोगों को फायदा होगा, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार को भी आर्थिक लाभ होगा. बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी कहा कि इस प्लांट में सेब के अलावा नाशपति के उत्पाद तैयार करने पर भी विचार किया जा रहा है.

शिमला. हिमाचल में जल्द ही विश्व स्तरीय फ्रूट प्रोसेंसिंग प्लांट शुरू हो जाएगा. शिमला जिले के पराला में 100 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन इस प्लांट में सेब सीजन से पहले उत्पादन शुरू करने का दावा बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने किया है. वर्ल्ड बैंक की फंडिग से 1134 करोड़ रू. के हॉर्टिकल्चर डेव्लेपमेंट प्रोजेक्ट के तहत इसका निर्माण किया जा रहा है. साल 2021 से इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था. इसके निर्माण में विदेशी मशीनरी और तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. अधिकतर मशीनरी स्विटज़रलैंड से मंगवाई गई है.

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बागवानी विभाग दावा कर रहा है कि जून माह तक इसको पूरा कर लिया जाएगा. शुक्रवार को बागवानी मंत्री ने इस प्लांट का निरीक्षण किया और निर्माण कर रही कंपनी और एचपीएमसी के अधिकारियों को तय समय में पूरा करने के निर्देश दिए. इस प्लांट की खास बात ये है कि इसमें हर रोज 27 मीट्रिक टन एप्पल जूस कन्सट्रेट का उत्पादन होगा.

14 हजार स्कवेयर मीटर क्षेत्र में प्लांट का निर्माण कर रही कंपनी के अधिकारियों का दावा है कि प्लांट में उत्पादन शुरू होने से विश्व में एप्पल जूस कन्सट्रेट के उत्पादन में भारत चीन की बराबरी करेगा. साथ ही सालाना 1 लाख लीटर एप्पल वाइन और 50 हजार लीटर एप्पल विनेगर यानी सेब का सिरका तैयार होगा. सेब के जूस की 250 मिली लीटर की 1 लाख 44 हजार बोतल हर रोज तैयार होगी, 500 मिली लीटर की 79 हजार और 1 लीटर की 39 हजार बोतलें हर रोज तैयार की जाएंगी. इस प्लांट के साथ ही एक कोल्ड स्टोर का भी निर्माण किया जा रहा है.


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नमस्ते! मैं कपिल पाटीदार हूँ। सात साल से मैंने खेती बाड़ी के क्षेत्र में अपनी मेहनत और अनुभव से जगह बनाई है। मेरे लेखों के माध्यम से, मैं खेती से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, विशेषज्ञ नुस्खों, और अनुभवों को साझा करता हूँ। मेरा लक्ष्य है किसान समुदाय को सही दिशा में ले जाना और उन्हें बेहतर उत्पादकता के रास्ते सिखाना।