आयस्टर मशरूम उत्पादन की नवीनतम तकनीक
आयस्टर मशरूम को खेती के लिए सबसे लोकप्रिय और लाभकारी मशरूम माना जाता है। इसे भारत के विभिन्न हिस्सों में बेहद आसानी से उगाया जा सकता है, क्योंकि यह कम लागत में और सीमित संसाधनों में भी अच्छा उत्पादन देता है। इसके लिए उच्च वैज्ञानिक ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती और इसे छोटे किसान व शहरी उद्यमी भी आसानी से शुरू कर सकते हैं। आयस्टर मशरूम उत्पादन एक कम लागत में अधिक लाभ देने वाला व्यवसाय है, जो छोटे व सीमांत किसानों के लिए आय का बेहतरीन स्रोत बन सकता है। आधुनिक तकनीकों व वैज्ञानिक विधियों से इसकी गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता को कई गुना बढ़ाया जा सकता है।
आयस्टर मशरूम के प्रमुख लाभ
- पोषण से भरपूर: इसमें प्रोटीन, विटामिन B1, B2, C, D और जरूरी खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
- कम लागत में उत्पादन: इसकी खेती में महंगी मशीनों या जटिल प्रक्रिया की जरूरत नहीं होती।
- पर्यावरणीय लाभ: इसे फसल के अवशेष जैसे कचरे पर उगाया जाता है, जिससे पर्यावरण का संरक्षण होता है।
- कम पानी की जरूरत: इसकी खेती में सिंचाई की आवश्यकता बहुत कम होती है।
आयस्टर मशरूम उत्पादन की प्रक्रिया
1. स्थान का चयन और तैयारी
ठंडा, स्वच्छ और हवादार स्थान जैसे पुराना कमरा, शेड या ग्रीनहाउस उपयुक्त होता है। तापमान 20-30°C और आर्द्रता 70-90% होनी चाहिए।
2. कच्चे माल का चयन
धान की भूसी, गन्ने की खोई, मक्का के डंठल, केले के पत्ते और लकड़ी का बुरादा – ये सभी आसानी से मिलने वाले और सस्ते कच्चे माल हैं।
3. स्पॉन तैयार करना
स्पॉन मशरूम का बीज होता है, जो ICAR या कृषि विश्वविद्यालयों से लिया जा सकता है। खुद बनाना हो तो गेहूं के दानों को उबालकर और स्टेरलाइज करके माइसीलियम विकसित किया जा सकता है।
4. कच्चे माल को जीवाणु मुक्त करना
- गर्म पानी विधि: 60-70°C तापमान पर 1-2 घंटे तक भिगोएं।
- रासायनिक विधि: 5% फॉर्मेलिन और 0.1% बविस्टिन घोल में 12-18 घंटे तक डुबोएं।
5. स्पॉनिंग प्रक्रिया
- परत विधि: सामग्री को परत-दर-परत फैलाकर स्पॉन छिड़कें।
- मिश्रण विधि: स्पॉन को सामग्री में अच्छी तरह मिला लें और पॉलीथिन बैग में भरें।
6. संवर्धन चरण (Incubation)
बैग को अंधेरे कमरे में रखें, तापमान 20-25°C और आर्द्रता 80-90% हो। 15-20 दिनों में माइसीलियम पूरी सामग्री में फैल जाता है।
7. फलों का विकास (Fruiting)
माइसीलियम के फैलने के बाद बैग में छेद करें। प्रकाश, नमी और हवा के सही प्रबंधन से 7-10 दिनों में फलों का विकास शुरू हो जाता है।
8. कटाई (Harvesting)
20-25 दिनों में मशरूम कटाई योग्य हो जाते हैं। एक बैग से 3-4 कटिंग ली जा सकती हैं।
उत्पादन बढ़ाने के उपाय
- प्रमाणित स्पॉन का उपयोग और सामग्री का सही पाश्चुराइजेशन उत्पादन की गुणवत्ता को सुनिश्चित करता है।
- बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए ह्यूमिडिफायर और तापमान नियंत्रक का उपयोग करें।
- मशरूम को सुखाकर पाउडर बनाने, अचार बनाने या सूप बनाने से किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है।
आयस्टर मशरूम की विपणन रणनीति
- स्थानीय सब्जी मंडी में ताजे मशरूम बेचें।
- डिजिटल माध्यम से उत्पाद को बड़े बाजारों तक पहुंचाएं।
- मशरूम की उच्च गुणवत्ता वाली आपूर्ति के लिए होटल और रेस्तरां से संपर्क करें।
- मशरूम के सूखे, पाउडर, या तैयार व्यंजनों को पैक कर बेचें।