किसानों को राहत: 80 हजार हेक्टेयर भूमि की होंगी सिंचाई,1 हजार 65 करोड़ लागत में 3 प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी

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सरकार ने प्रदेश में 1 हजार 65 करोड़ रुपये लागत की तीन सिंचाई परियोजनाओं को हरी झंडी दी है। परियोजना से 80 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे की सिंचाई होगी। साथ ही सात लाख किसानों को फायदा होगा। जल संसाधन विभाग ने परियोजना स्वीकृति का आदेश भी जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिनों जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट से प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा कर डीपीआर को मंजूरी दी थी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इन प्रोजेक्टों को वृहद परियोजना में लिया गया है। मंगलवार को वृहद परियोजना नियंत्रण मंडल की 119 वीं बैठक मंत्रालय में हुई। स्वीकृति आदेश देर रात जारी किए गए। स्वीकृत प्रोजेक्ट में सबसे बड़ी परियोजना श्योपुर जिले की है। यहां चेंटीखेड़ा वृहद सिंचाई परियोजना पर काम किया जाएगा। प्रोजेक्ट के तहत बांध का निर्माण किया जाएगा। विभाग ने परियोजनाओं को लेकर कुल 63 अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी है। सतना जिलों को दो प्रोजेक्ट की सौगात मिली है।

इन प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी

1 – चेंटीखेड़ा वृहद सिंचाई प्रोजेक्ट, जिला श्योपुर

स्वीकृत परियोजना में सबसे बड़ा फायदा श्योपुर को मिलेगा। प्रोजेक्ट के तहत 15 हजार 300 हेक्टेयर में सिंचाई की रूपरेखा तैयार की गई है। चेंटीखेड़ा वृहद सिंचाई परियोजना में 67.88 एमसीएम क्षमता के बांध का निर्माण होगा। मिट्टी के बांध समेत नहर के डेवलपमेंट में 539 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। परियोजना में 1 हजार 264 परिवार को भी विस्थापित किया जाएगा। इसके पुनर्वास की व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

2 – बहुती नहर प्रोजेक्ट, जिला सतना

अधिकारियों ने बताया कि बहुती नहर परियोजना में सतना जिले की है। इसके दूसरे चरण का काम होगा। बाणसागर जलाशय से निकली इस परियोजना से रीवा और सतना जिले को फायदा होगा। प्रोजेक्ट में दोनों ही जिले की 65 हजार हेक्टेयर जमीन को सिंचित किया जा सकेगा। डीपीआर में 351 करोड़ 48 लाख 80 हजार रुपये अनुमानित लागत बताई गई है। इसकी डेडलाइन भी दो साल की निर्धारित की गई है।

3 – दौरी सागर मध्यम प्रोजेक्ट, जिला सतना

विंध्य में आने वाले सतना को दौरी सागर मध्यम प्रोजेक्ट की सौगात मिली है। प्रोजेक्ट से 7 हजार 200 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का खाका तैयार किया गया है। प्रोजेक्ट की डेडलाइन 36 माह की निर्धारित की गई है। प्रोजेक्ट में 175 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

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